अजमेर। राम जानकी सत्संग सेवा परिवार की ओर से हनुमान जन्मोत्सव के उपलक्ष में 6 दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन शनिवार को 208 आसनों पर सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। राम धुनी के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं ने रामायण परिक्रमा भी लगाई।
राम जानकी परिवार के प्रेरणा स्त्रोत उत्तम रामजी शास्त्री के सान्निध्य में 251 रामायण के संग्रह और रामायण परिक्रमा के आयोजन को राम जानकी परिवार के सदस्यों ने अपना सौभाग्य बताया।
बिन हरि कृपा मिले नहीं संता…सुंदरकांड की यह चौपाई सिद्ध करती है कि जब तक आप पर प्रभु कृपा नहीं होती तब तक आप किसी संत का सान्निध्य प्राप्त नहीं कर सकते। इसी भाव से सभी भक्तों ने संतों का अभिनन्दन किया।
हनुमान जन्मोत्सव के पावन अवसर पर संत उत्तम रामजी शास्त्री ने भक्तों को रामायण रखने का संकल्प कराया। उन्होंने आशीर्वचन देते हुए कहा कि धर्म और आत्मा के लिए रोज नहीं तो कभी कभी, ज्यादा नहीं तो थोड़ा ही तन से प्रयास, मन से प्रार्थना और धन से सहयोग करें।
हजारों सालों पहले राम सेतु के लिए राम के लिए किया गया एक छोटी सी गिलहरी का छोटा सा प्रयास अभी तक याद किया जाता है तो निश्चित ही श्री ठाकुर आप के श्रृद्धा पूर्ण कार्य को भी लिख रहे होंगे।