वासुदेव देवनानी को 5वीं बार टिकट मिलने की राह में अपने बन रहे रोडा
सर्व समाज ने किया भाजपा से देवनानी की दावेदारी का विरोध
अजमेर। विधान सभा चुनावों की आहट के साथ ही अजमेर का राजनीतिक पारा चढ रखा है। दोनों ही राजनीतिक पार्टियां जहां अभी तक उम्मीदवारों का चयन करने की मशक्कत में जुटी हैं वहीं दूसरी तरफ पार्टी टिकट पाने को लेकर राजनीतिक पाटियों के दावेदार परस्पर अपनों से ही जूझ रहे हैं। इस बार अपनों के निशाने पर फिर भाजपा से टिकट मिलने की आस लगाए विधायक वासुदेव देवनानी रहे।
रविवार को अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा समर्थक सर्व समाज के प्रतिनिधि पुष्कर रोड स्थित वृंदावन गार्डन में जमा हुए तथा मीडिया को आमंत्रित कर बयानबाजी की। मुख्य मुद्दा इस सीट पर लगातार 70 वर्षों से चले आ रहे अघोषित आरक्षण के विरोध पर केंद्रित रही। वक्ताओं ने दो टूक कहा कि अजमेर उत्तर सीट पर हर बार सिंधी समाज के प्रत्याशी को ही मौका क्यों?
सर्व ब्राह्मण समाज की ओर से प्रदेशाध्यक्ष सुदामा शर्मा ने कहा कि अजमेर उत्तर सामान्य सीट वाले क्षेत्र में सिंधी समाज से ज्यादा मतदाता अन्य समाजों के हैं। इसके बावजूद राजनीतिक पार्टियां हर बार सिंधी समाज को ही टिकट देने पर आमादा रहती हैं। सामान्य वर्ग में वासूदेव देवनानी के अलावा भी भाजपा में कई योग्य और जिताऊ दावेदार मौजूद हैं।
यदि भाजपा सर्व समाज के साथ न्याय करना चाहती है तो अन्य समाज को भी अवसर मिलना चाहिए। बार बार एक ही उम्मीदवार को थोपना सर्व समाज के मतदाता अब कतई स्वीकार नहीं करेंगे। देवनानी को लगातार 20 वर्षों से उत्तर क्षेत्र का सर्व समाज भारी मतों से जिताता आया है, लेकिन इस बार प्रत्याशी परिवर्तन की मांग प्रचंड रूप ले चुकी है।
विप्र समाज के योगेंद्र ओझा ने कहा कि अजमेर उत्तर क्षेत्र में विकास की गंगा बहनी चाहिए थी, पिछले 20 साल से लगातार विधायक होने के बाद भी देवनानी ने इच्छा शक्ति के अभाव में कोई ठोस विकास नहीं कराए। आमजन आज भी पानी, सड़क, यातायात, सीवर जैसी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। देवनानी ने सदैव ब्राह्मण समाज का विरोध ही किया है। जगदीश मंदिर पुजारी आत्मदाह के प्रकरण में भी ब्राह्मण समाज का कोई सहयोग नहीं किया।
राजपूत समाज से सम्मान सिंह ने कहा कि अब परिवर्तन आवश्यक हो गया है। स्मार्ट सिटी के तहत बनाया गया एलिवेटेड रोड भी तकनीकी दृष्टि से खामियों कागढ बन चुका है। जनता को सुविधा के बजाय परेशानी अधिक हो रही है। पर्याप्त पेयजल सप्लाई ना मिलने की समस्या कोढ में खाज का रूप ले चुकी है। बीसलपुर योजना अजमेर के लिए बनी थी लेकिन यहां के बाशिंदे ही पानी को तरस रहे हैं। दो बार मंत्री रहने के बावजूद देवनानी अजमेर के लिए कोई कारगर योजना अमल में नहीं ला सके।
वैश्य समाज से सत्यनारायण भंसाली ने दो टूक कहा कि इस बार बदलाव चाहिए। यदि भाजपा देवनानी को पुनः इस सीट से टिकट देती है तो सर्वसमाज उचित रणनीति बनाकर पुरजोर विरोध करेगा। आवश्यकता पड़ी तो सर्व समाज एक साझा प्रत्याशी निर्दलीय के रूप में भी मैदान में उतार सकता है। उन्होंने दावा करते हुए कहा किे देवनानी की जगह अन्य किसी समाज के योग्य व्यक्ति को भाजपा टिकट देती है तो उस प्रत्याशी को जीता कर लाना हमारी जिम्मेदारी होगी। लोकतंत्र में किसी एक व्यक्ति का ठेका नहीं होता, सर्वसमाज की राय भी महत्वपूर्ण होती है।
एक समाज के प्रतिनिधि ने तो प्रेस वार्ता के दौरान देवनानी को सलाह देते हुए कहा कि चार बार विधायक बनने और दो बार मंत्री रहने के बाद उन्हें स्वयं ही दूसरे किसी युवा उम्मीदवार को अवसर देना चाहिए।
सर्व समाज की एक कोर कमेटी तय करेगी कि किस उम्मीदवार को समर्थन देना है। सर्व समाज चाहता है कि इस बार ऐसा प्रत्याशी जीत कर आए जिसके पास अजमेर की जनता के लिए दर्द हो, काम करने और कराने का माद्दा हो। विकास का ठोस विजन और व्यवहारिक रोड मैप हो। वर्षों से भाजपा का कार्यकर्ता हो। अजमेर का विकास करने की प्रबल इच्छा शक्ति रखता हो। सर्व समाज को साथ लेकर चलता हो।
अजमेर उत्तर में विकास का बहुत बड़ा स्कोप है। इस क्षेत्र में एक बड़ा चिकित्सालय, कॉलेज, नए औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना, पर्यटन के रूप में एक पूरा कॉरिडोर विकसित करने की आवश्यकता है। अजमेर में रिंग रोड की प्रबल आवश्यकता है जिससे यातायात सुगम हो सके। इन सभी विषयों पर मौजूदा विधायक देवनानी ने लगातार चार बार जीतने के बाद भी कोई कार्य नहीं किया। यह उनकी एक राजनेता के रूप मेंं सबसे बडी विफलता है।
अजमेर उत्तर विधान सभा क्षेत्र में देवनानी का विरोध और जन आक्रोश चरम सीमा पर है। सिंधी समाज के प्रतिनिधियों तक ने बीते दिनों जयपुर जाकर भाजपा के आला नेताओं के समक्ष देवनानी का विरोध दर्ज कराया है। विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों ने साफ शब्दों में कहा है कि यदि देवनानी को भाजपा फिर टिकट देगी तो इस सीट पर हार सुनिश्चित है। प्रेसवार्ता के दौरान मोहन लाल पारीक, प्रेम प्रकाश पारीक, सुभाष दाधीच, मुकेश वर्मा, नरेश मुदगल, संदीप तंवर, टांक समाज, दर्जी समाज, रावत समाज आदि के प्रतिनिधि व गणमान्यजन मौजूद रहे।