अजमेर। राजस्थान के अजमेर में चल रहे ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें सालाना उर्स के मौके पर पाकिस्तान से आए जायरीनों के जत्थे ने जुलूस के रूप आज दरगाह शरीफ पहुंच कर गरीब नवाज की बारगाह में चादर पेश की एवं दोनों मुल्कों की बेहतरी तथा अच्छे सम्बंधों के लिये दुआ की।
पाकिस्तानी हुकूमत की केसरिया-हरे रंग की मखमली सुनहरे काम की चादर लेकर पाकिस्तानी जत्था अपने समूह नेता परवेज इकबाल की अगुवाई में पुरानी मंडी स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल से चादरों के जुलूस के रूप में रवाना हुआ। इस जुलूस में हुकूमत की चादर के साथ कई निजी चादरे भी रहीं।
कड़ी सुरक्षा और पुलिस घेरे में चादर का जुलूस घी मंडी के रास्ते से दरगाह की ओर बढ़ा। रास्ते में चादरों को थामे पाक जायरीन ख्वाजा की शान में कशिदे पढ़ते रहे। मुख्य रूप से अजमेर वही आते हैं, जिन्हें ख्वाजा बुलाते हैं….। का उच्च स्वर में जयघोष करते रहे।
दरगाह बाजार के रास्ते जैसे ही पाकिस्तानी जत्था चादरों के साथ मुख्य निजामगेट पहुंचा, एक झलक पाने के लिए भीड़ टूट पड़ी लेकिन रस्सों की घेराबंदी इतमीनान से उन्हें आस्ताने शरीफ तक लेकर पहुंची और पाकिस्तानी हुकूमत के साथ सभी चादरें पेश कराई गई। सभी ने इतमीनान से जियारत की और दोनों देशों की खुशहाली, अच्छे सम्बंधों तथा बेहतरी के लिए दुआ की । अनेक पाक जायरीन अजमेर दरगाह का दीदार कर भावुक भी हो गए और दीवारों को चूमते नजर आए।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी जायरीनों के जत्थे में कुल 233 लोग अमृतसर के रास्ते ट्रेन से 15 जनवरी को दिन में अजमेर शरीफ पहुंचे और कुछ पाक जायरीनों ने कल भी अपनी चादर पेश कर दुआ की। पाक जायरीन उर्स समापन के साथ 22 जनवरी की सायं यहां से ट्रेन के जरिये अपने वतन लौट जाएंगे।