नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने पूर्वोत्तर भारत से शेष भारत के युवाओं को परिचित कराने हेतु ‘पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा’ को आयोजित कराने की घोषणा की है।
अगले माह आयोजित की जा रही इस यात्रा में देश भर से चयनित विद्यार्थी पूर्वोत्तर के राज्यों के जीवन एवं संस्कृति को समझने के लिए जगह जगह जाएंगे तथा स्थानीय विद्यार्थियों से परिचय भी करेंगे।
संगठन ने यहां सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि उसके शिलांग में इस समय चल रहे राष्ट्रीय अधिवेशन से में ‘पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा’ की घोषणा की। पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध विरासत व संस्कृति से विद्यार्थियों को परिचय कराने के उद्देश्य से की जा रही है।
एबीवीपी की दो दिवसीय ‘अखिल भारतीय पदाधिकारियों की बैठक रविवार से शिलांग में चल रही है। संगठन अंतर-राज्य छात्र जीवन दर्शन यात्रा कार्यक्रम 1966 से चला रहा है। इसके तहत पूर्वोत्तर के विभिन्न जनजातियों से आने वाले विद्यार्थियों को विभिन्न प्रदेशों को भ्रमण करने का अवसर मिलता है, वहां उन्हें देश की सांस्कृतिक एकता, भाषाई विविधता तथा शैक्षणिक परिवेश को देखने और समझने का अवसर प्राप्त होता है।
बयान में कहा गया है कि इस वर्ष नवंबर माह में प्रस्तावित अभाविप की ‘पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा’ के माध्यम से अब भारत के अलग-अलग राज्यों से 75 छात्र-छात्राओं को पूर्वोत्तर भारत के अलग-अलग राज्यों में जाकर परंपरा, लोक व्यवहार तथा प्राकृतिक समृद्धि को जानने का अवसर मिलेगा। यात्रा के दौरान विद्यार्थी पूर्वोत्तर भारत की अलग-अलग जनजातियों, परंपराओं तथा ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेंगे।
संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत के राज्य शिक्षा के प्रमुख केन्द्र के तौर पर विकसित हो रहे हैं, यह अत्यंत शुभ संकेत है। पूर्वोत्तर की समृद्ध विरासत को समझने के लिए अनेक प्रयास होने चाहिए जिससे ‘विविधता में एकता’ की भावना को देश के विद्यार्थी मूर्त रूप से समझ सकें।