लखनऊ। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सीटों के हुये नुकसान के बाद उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की अंर्तकलह जगजाहिर होने से मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के सुर मुखर होते जा रहे हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिये परोक्ष रुप से केशव प्रसाद मौर्य को प्रस्ताव देते हुए पोस्ट किया कि मानसून आफर है। 100 लाओ और सरकार बनाओ।राजनीतिक सूत्रों के अनुसार अगर भाजपा में कोई भी नेता 100 विधायकों का समर्थन जुटा लेता है, तो सपा मुख्यमंत्री पद के लिए उसे समर्थन दे सकती है।
दरअसल, पिछले दिनो उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट ने भाजपा के भीतर पनप रहे अंतरविरोध को उजागर किया था। मौर्य ने सरकार पर भाजपा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुये एक्स पर पोस्ट किया था कि संगठन सरकार से बड़ा होता है जिस पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा पहले तोड़फोड़ की राजनीति का काम दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम अपने दल में कर रही है।
हालांकि मौर्य ने अखिलेश के पोस्ट पर पलटवार करते हुए कहा था कि सपा बहादुर अखिलेश यादव जी, भाजपा की देश और प्रदेश दोनों जगह मज़बूत संगठन और सरकार है, सपा का पीडीए धोखा है। यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है, भाजपा 2027 विधानसभा चुनाव में 2017 दोहराएगी।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश भाजपा को सीटों के लिहाज से हुए बड़े नुकसान की वजह सरकार और संगठन में तालमेल को ठहराया जा रहा है। इस बाबत उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने अलग अलग भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने अपना पक्ष रखा था। भाजपा के सूत्र बताते हैं कि चौधरी ने बाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी और पार्टी में लक्ष्य के अनुरुप प्रदर्शन न करने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की भी पेशकश की थी।
यहां यह भी दिलचस्प है कि लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में मौर्य ने हिस्सा नहीं लिया था और उन्होंने दिल्ली में ही कैंप कर लिया था। भाजपा के सूत्र बताते हैं कि अगले कुछ दिनो में प्रदेश की दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर भाजपा आलाकमान कोई कड़ा फैसला लेने से बचेगा।
लोकसभा चुनाव में विजयी विधायकों के कारण रिक्त अयोध्या समेत 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में सपा और कांग्रेस मिल कर भाजपा की अंर्तकलह का लाभ उठाने की पूरी कोशिश करेंगे।इस बात से सजग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधायकों की बैठक कर संबधित विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी संगठन और कार्यकर्ताओं में जोश भरने की जिम्मेदारी मंत्रियों और विधायकों को दे सकते हैं।