अखिलेश यादव अयोध्या आए मगर रामलला के दर्शन में रुचि नहीं ली : भाजपा

अयोध्या। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने सोमवार को कहा कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव अयोध्या आने के बाद भी रामलला के दर्शन को नहीं गए जाे भगवान राम और सनातन के प्रति उनके विरोध को उजागर करता है।

मिल्कीपुर विधानसभा के इनायतनगर में आस्कर केरला पब्लिक स्कूल में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव उपचुनाव के प्रचार में अयोध्या आए है। इससे पहले भी वह अयोध्या आ चुके है। प्रभु श्रीराम का दर्शन करने के लिए उन्हें समय नहीं मिला। लेकिन सियासत वह जरुर करते हैं।

चौधरी ने कहा कि सपा के लोग सनातन धर्म व साधू संतों के बारें में टिप्पणी करते रहते हैं। उनका स्वभाव व चरित्र सनातन का विरोध करने का रहा है। सपा की सरकार में जिस तरह से अराजकता, गुंडागर्दी, बेइमानी व भ्रष्टाचार रहता था। उस समय पूरी सरकार अराजक तत्वों के संरक्षण में खड़ी रहती थी। इस प्रकार की लगातार घटनाएं रही है। जिसमें सपा का चरित्र माफियाओं व अपराधियों के साथ खड़ा होने का रहा है। आज भाजपा सरकार है। यूपी के विकास के लिए सरकार ने काम किया है। संस्कृति, आस्था व विरासत के आधार पर हम आगे बढ़ रहे है।

उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में अपराध व अपराधियों के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति के तहत काम किया है। अपराधियों पर हो रही कार्रवाई की वजह से अपराध में काफी कमी आई है। सपा की सोच व प्राथमिकताओं में अपना परिवार व जाति है। सपा के लोग अपनी पारिवारिक विरासत को लेकर आगे बढ़ते हैं। भाजपा हमेशा 140 करोड़ की विरासत को लेकर आगे बढ़ती है।

सपा के समय अयोध्या में किस प्रकार गतिविधि होती थी, कारसेवकों के नरसंहार का काम सपा की सरकार में हुआ है। आज अयोध्या के विकास के लिए सरकार ने जो काम किया है। उसकी चर्चा हर जगह हो रही है। जिस प्रकार से 500 वर्षो के संघर्ष के बाद प्रभु श्रीराम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हुई है और लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं। आज उत्तर प्रदेश निश्चित रुप से देश में सर्वाधिक धार्मिक पयर्टन वाला राज्य बन गया है। उत्तर प्रदेश आज बदलते हुए प्रदेश के रूप में सबके सामने है और इसी आधार पर जनता के बीच में है।