अजमेर। ईद के पर्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने करीब 40 लाख मुस्लिम परिवारों को ईदी के तौर पर ‘सौगात-ए-मोदी’ किट दी है। इसको लेकर ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन एवं अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया। इसके साथ ही चिश्ती ने वक्फ बोर्ड में संशोधन की मांग की है, साथ ही वक्फ बोर्ड में संशोधन के फायदे भी गिनाए हैं।
चिश्ती ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हम ऐसे देश में रह रहे हैं, जिसकी गंगा-जमुनी संस्कृति है। कल चेटीचंड था, नवरात्रि चल रही है और आज ईद-उल-फितर है। मुझे पूरा विश्वास है कि आज पूरे भारत में आप लोगों को इन त्योहारों पर एक-दूसरे को बधाई देते हुए देखेंगे। मिलजुलकर रहना देश की संस्कृति है और यही हमारी ताकत है।
नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि प्रधानमंत्र मोदी ने सुनिश्चित किया है कि सौगात-ए-मोदी देश के 22 लाख लोगों तक पहुंचे, मेरा मानना है कि वक्फ बिल में संशोधन की जरूरत है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह बिल पारदर्शिता लाएगा।
चिश्ती ने आगे कहा कि जहां कई मुस्लिम धर्मगुरु इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस पर आपत्ति जता रहा है।
संशोधित कानून सदन में नहीं आया
इस बिल के विरोध में काली पट्टी बांधने को क्यों कहा गया? संशोधित कानून तो अभी सदन में आया ही नहीं है। संशोधित कानून अभी नहीं आया है। पहले उसे आ जाने दीजिए, तब गुमराह कीजिए कि हमारी मस्जिद ले ली जाएगी। जब संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू ने कह दिया कि हम कोई मस्जिद नहीं लेंगे, फिर भी इस तरह गुमराह कर रहे हो।