भाजपा राज में प्रधानमंत्री के प्रोजेक्ट में ही सिरोही में अनियमितता का आरोप!

परीक्षित मिश्रा
सिरोही। कांग्रेस ने नगर परिषद में पौधरोपण के लिए पौध खरीद में अनियमितता का आरोप लगाया। ये पौधे जब खरीदे गए उसी समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2024 को एक पेड मां के नाम अभियान शुरू किया था। उनका कहना था कि ये पेड मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता जताने का आयोजन है।

कांग्रेस नेताओं के द्वारा जिला कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में इन पौधों की खरीद का जो समय बताया है उसके ठीक बाद ही जिले भर में भाजपा नेता प्रधानमंत्री के आ़ह्वान के बाद एक पेड मां के नाम अभियान के तहत पौधरोपण करने लगे। कांग्रेस का आरोप है कि इस अनियमितता में भाजपा के नेता की भूमिका है।

तो क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता जताने के लिए शुरू किए गए अभियान में वंदे मातरम और भारत माता की जय बोलने वाले संगठन के नेताओं ने ही देश की सबसे छोटी ईकाई शहर को चूना लगा दिया।

न खाऊंगा न खाने दूंगा का दवा करने वाले प्रधानमंत्री से प्रेरित अभियान में ऐसा हुआ ही तो वाकई सोचनीय है। ऐसे में इस आरोप की जांच की नैतिक जवाबदेही भी प्रदेश की भाजपा सरकार और भाजपा के मंत्री ओटाराम देवासी की बन जाती है।

स्टोर से की जानी चाहिए थी खरीद

नगर परिषदों में किसी भी सामान को क्रय करने के लिए जो टेंडर जारी किए जाते हैं वो स्टोर से जारी किए जाते हैं। कांग्रेस नेताओं ने अपने ज्ञापन मे आरोप लगाया कि टेंडर को ऑनलाइन नहीं करना पडे इस कारण पौधे खरीद की निविदा 9 लाख 90 हजार रुपये की ही निकाली गई। लेकिन, ये तभी संभव है जबकि निविदा स्टोर की बजाय सिविल कार्य करवाने वाले विकास अनुभाग से निकाली गई हो। स्टोर से बिना पोर्टल पर चढ़ाएं हुए ऑफलाइन टेंडर करने की वित्तीय टेंडर की सीमा 4 लाख 90 हजार रुपए ही है।

स्टोर मे पांच लाख या उससे उपर की राशि के टेंडर को ऑनलाइन डालना पडता है। वहीं सिविल सेंक्शन से किए गए टेंडर को ऑनलाइन किए जाने की निविदा राशि 10 लाख रुपए है, इससे कम की राशि के टेंडर जारी करने पर ऑनलाइन टेंडर फ्लोट किए जाने का प्रावधान है। इससे कम राशि के टेंडर को ऑफलाइन किया जा सकता है। ऐसे में कांग्रेस पार्षदों द्वारा ज्ञापन में दी गई टेंडर राशि और लगाए गए आरोप ये इशारा कर रहे हैं कि ये टेंडर स्टोर की बजाय सिविल काम करवाने वाले विकास अनुभाग से किए गए हैं।

की जानी थी जिओ टेगिंग

राजस्थान सरकार के द्वारा जो पौधरोपण अभियान चलाया गया था और एक पेड मां के नाम अभियान के तहत जो पौधे लगाए जाने थे उसकी जिओ टेगिंग की जानी चाहिए थी। जिओ टेगिंग यानि सभी 47 हजार 500 पौधे सिरोही शहर में किस जगह लगाए गए हैं उनका लॉंगिट्यूड और लेटीट्यूड लिखना था। ये हुआ होगा तो इन पौधों को जगह पर लगाया गया या नहीं इसका सत्यापन हो जाएगा। लेकिन, जिओ टेगिंग नहीं हुई होगी तो फिर नगर परिषद के लिए समस्या सामने आने वाली है।

दूसरे विभाग के ए या एए ग्रेड ठेकेदार थे योग्य

नगर परिषद के इसी टेंडर में इसके लिए शर्तें भी तय कर दी गई थी। इसमे ही इस टेंडर के लिए अन्य विभागों के ए और डबल ए क्लास के ठेकेदारों को योग्य माना गया था। वहीं नगर परिषद का किसी भी श्रेणी का ठेकेदार इसमें भागीदारी कर सकता था। लेकिन, जो आरोप लग रहें हैं उसके अनुसार इस योग्यता को भी ठेका देने में नजरअंदाज किया गया हैं। तीन फर्मों का न्यूनतम कोरम की बजाय दो फर्मों पर ही ठेका खोल दिया गया।

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