अलवर। राजस्थान में अलवर के राज ऋषि कॉलेज में तेंदुआ को पकड़ने के लिए लगाए गए पिंजरे में मेमने को बांधा गया, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया।
राज ऋषि कॉलेज में तीन दिन पहले यह तेंदुआ देखा गया अब जिस तरीके से इसके पगमार्क मिल रहे हैं उससे अधिकारी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि इसने अब अपना इलाका यही बनाया हुआ है। क्योंकि जिस तरीके से यहां कॉलेज के पीछे जंगल है और इस यह जंगल इसी को रास आ रहा है। हो सकता है कि और भी तेंदुए हों।
सरिस्का और वन मंडल अलवर की टीम इस को पकड़ने में लगी हुई है। पर अभी तक पकड़ में नहीं आया है। रात को भी पिंजरे में बकरी का बच्चा बांधा था और यह शिकार की तलाश में यहां तक पहुंचा था लेकिन शिकार नहीं कर पाया तथा वापस चला गया।
यह जंगल ऐसा है यहां अन्य छोटे बने जीव भी हैं जो आसानी से इसको शिकार मिल जाता है और उसने अपनी टेरिटरी भी यही बनाई हुई है। तीन कैमरे लगाए गए हैं। एक पिंजरा और बढ़ाया जा रहा है उसको प्रयास यह किया जा रहा है कि उसको पकड़ा जाए या ट्रेंकुलाइज किया जाए। जिला वन अधिकारी राजेंद्र हुड्डा ने बताया कि तेंदुआ पिंजरे के पास भी आया फिर वापस चला गया। ट्रेप कैमरा की संख्या बढ़ाई गई है।
घना जंगल है जंगल में जाने के लिए इसने बीच में सड़क क्रॉस की थी और ऐसा प्रतीत होता है कि यह काफी दिनों से यहीं पर है क्योंकि इस घने जंगल में सांभर, बंदर, बिल्ली अन्य छोटे जानवर हैं पानी के साधन भी पर्याप्त हैं और इसका मुवमेंट भी लगातार यही दिखाई दे रहा है जो गेट में से यह निकला था उसे गेट को भी बंद कर दिया गया है।