नई दिल्ली, अमेज़न ने सालाना आयोजित होने वाले अपने ‘संभव समिट’ के पांचवें संस्करण में ‘विकसित भारत’ के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता का विस्तार करने वाली कई पहलों की घोषणा की है। संभव समिट, अमेज़न के भारत के छोटे व्यवसायों का जश्न मनाने, उनका समर्थन करने और उन्हें सशक्त बनाने से जुड़े प्रयास का अंग है, जिसका उद्देश्य है, भारत और दुनिया भर में उन व्यवसायों के विकास में तेज़ी लाना। अमेज़न ने इस प्रयास के तहत, भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने की सरकार की प्रमुख प्राथमिकता को गति देने के लिए डीपीआईआईटी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया हैं। अमेज़न ने अपने संभव वेंचर फंड से 120 मिलियन डॉलर ऐसे स्टार्टअप में निवेश करने के लिए निर्धारित किए हैं जो भारत में उपभोक्ता वस्तुओं के विनिर्माण को डिजिटल बनाएंगे और घरेलू और वैश्विक मांग को पूरा करेंगे, जिससे हज़ारों की तादाद में रोज़गार पैदा होंगे। अमेज़न अपनी निर्यात प्रतिबद्धता को चार गुना बढ़ा रही है और 2030 तक भारत से कुल 80 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात संभव बनाने की योजना बना रही है।
यह महत्वपूर्ण उपलब्धि भारतीय एमएसएमई, विनिर्माताओं और डी2सी स्टार्टअप के लिए अमेज़न के ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम के ज़रिये करने के साथ-साथ अमेज़न के ग्लोबल मार्केटप्लेस में बेचे जाने वाले मेड-इन-इंडिया उत्पादों की सोर्सिंग के संयोजन से प्रेरित होगी। अमेज़न विभिन्न क्षेत्रों से निर्यात करने में मदद करना जारी रखेगी, जिसमें घर एवं रसोई से जुड़े उत्पाद, परिधान एवं वस्त्र, खिलौने, स्वास्थ्य एवं न्यूट्रिशन सप्लीमेंट, आयुर्वेदिक उत्पाद आदि शामिल हैं।
अमेज़न इसके अलावा, अब पूरे भारत के व्यवसायों को अपनी विश्व स्तरीय, विश्वसनीय और किफायती लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदान करेगी। कंपनी ने विभिन्न क्षमता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 5 फीट से 40 फीट तक के पूर्ण ट्रक लोड विकल्पों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर इंट्रा-सिटी (शहर के भीतर) और इंटर-सिटी (विभिन्न शहरों में) परिवहन सेवाओं के लिए ‘अमेज़न फ्रेट’ और 14,000 से अधिक पिन कोड में सेवा प्रदान करने वाली लास्ट माइल (अंतिम-मील) डिलीवरी सेवाओं के लिए ‘अमेज़न शिपिंग’ लॉन्च की है और इसके तहत डिलीवरी (डिलीवरी डेट) और पिकअप के लिहाज़ से बेहतर अनुभव प्रदान करने की व्यवस्था है।
माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, श्री नितिन जयराम गडकरी ने कहा, “सरकार के विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सभी हितधारकों के सक्रिय योगदान की आवश्यकता है। विनिर्माण, एआई और निर्यात की दिशा में अमेज़न की पहल बहुत सराहनीय है। हम अमेज़न की देश भर में अपनी लॉजिस्टिक्स से जुड़ी विशेषज्ञता का लाभ उठाने की कोशिश को महत्वपूर्ण मानते हैं, जो शहरी से लेकर ग्रामीण इलाकों तक के व्यवसायों को सशक्त बनाता है। निजी क्षेत्र के ऐसे सहयोगात्मक प्रयास नवोन्मेष बढ़ाने, निर्यात को बढ़ावा देने और लॉजिस्टिक्स से जुड़े बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने में सहायक हैं, जिससे भारत को वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।”
अमेज़न में उभरते बाज़ार विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अमित अग्रवाल ने कहा, “मैं भारत में अमेज़न के लिए आने वाले अवसरों को लेकर बेहद उत्साहित हूं। भारत, दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इस लिहाज़ से यह अमेज़न के लिए एक प्रमुख बाज़ार है। हम जिन क्षेत्रों पर ध्यान दे रहे हैं, वह सरकार के छोटे व्यवसायों को डिजिटल बनाने, निर्यात को बढ़ावा देने और रोज़गार सृजन के दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं के अनुरूप है। हम इन प्रमुख क्षेत्रों में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और भारत की आर्थिक वृद्धि और माननीय प्रधानमंत्री के विकसित भारत के दृष्टिकोण में योगदान देने के लिए तत्पर हैं।“
अमेज़न अपने वादों को पूरा करने की ओर अग्रसर
अमेज़न ने 2025 तक 10 मिलियन एमएसएमई को डिजिटल बनाने, भारत से 20 अरब डॉलर का संचयी निर्यात करने और भारत में 2 मिलियन रोज़गार पैदा करने का संकल्प लिया था। कंपनी इन वादों को पूरा करने की ओर अग्रसर है। दरअसल, अमेज़न ने अब अपने निर्यात वादों को चार गुना बढ़ा दिया है और 2030 तक 80 अरब डॉलर का संचयी निर्यात संभव बनाने की योजना बना रही है। अमेज़न इंडिया के कंट्री मैनेजर, समीर कुमार ने कहा, ” पिछले चार साल में, हमने 2020 में पहले संभव समिट में घोषित संकल्प के लिए भरपूर प्रयास किए हैं। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने समय से एक साल पहले 10 मिलियन छोटे व्यवसायों को डिजिटल बनाने के अपने वादे को पूरा कर लिया है और 12 मिलियन से अधिक छोटे व्यवसायों को डिजिटल अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने में मदद की है। हमने लगभग 13 अरब डॉलर के संचयी निर्यात को सक्षम किया है और भारत में लगभग 1.4 मिलियन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा की हैं।”
अमेज़न का संभव वेंचर फंड विनिर्माण और एआई स्टार्टअप पर ध्यान केंद्रित करेगा
2021 में लॉन्च किया गया यह फंड डिजिटल इंडिया की संभावनाओं को अनलॉक करने के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी स्टार्टअप में निवेश करता है। फंड अब अपने मौजूदा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के अलावा विनिर्माण स्टार्टअप में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अपने फोकस क्षेत्रों को व्यापक बना रहा है। यह घोषणा अमेज़न संभव वेंचर फंड के $350 मिलियन फंड में विस्तार को भी चिह्नित करती है।
अमेज़न 2030 तक 80 अरब डॉलर का संचयी निर्यात संभव बनाएगी; “मेड इन इंडिया ग्लोबल ब्रांड” बनाने में मदद करेगी
अमेज़न ने भारत से निर्यात को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का काफी विस्तार किया है, 2030 तक संचयी निर्यात को 80 अरब डॉलर से अधिक का करने की योजना की घोषणा की है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य, 2025 तक कंपनी की 20 अरब डॉलर की शुरुआती योजना से काफी अधिक है, जो भारत से ई-कॉमर्स निर्यात की उल्लेखनीय प्रगति और बढ़ती क्षमता को दर्शाता है। अमेज़न इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, सरकार, लाखों भारतीय छोटे व्यवसायों और डी2सी ब्रांडों और अन्य प्रमुख हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रही है। कंपनी विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के साथ मिलकर जिलों को निर्यात केंद्र पहल के रूप में लाभ उठाने के लिए काम कर रही है, जिसका उद्देश्य है, देश भर में एमएसएमई निर्यात को बढ़ावा देना। यह विस्तारित निर्यात लक्ष्य, एमएसएमई निर्यात को बढ़ाने की सरकार की प्राथमिकता के अनुरूप है। इन प्रयासों के ज़रिये, अमेज़न भारत के छोटे और मध्यम व्यवसायों का समर्थन करने, उन्हें सीमाओं से परे विस्तार करने में मदद करने और देश की आर्थिक वृद्धि और रोज़गार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करती है।
अमेज़न पूरे भारत में व्यवसायों के लिए अपनी लॉजिस्टिक्स सेवाओं का कर रही है विस्तार
अमेज़न ने पिछले एक दशक में भारत के विविधीकृत बाज़ार के अनुकूल एक विश्व स्तरीय लॉजिस्टिक्स नेटवर्क बनाया है। यह नेटवर्क अब बड़े शहरों से लेकर छोटे गांवों तक पहुंच गया है, जो स्थानीय स्तर की विशिष्ट किस्म की चुनौतियों से निपटता है। अमेज़न शिपिंग और अमेज़न फ्रेट के साथ, अमेज़न अब पूरे भारत के व्यवसायों को अपनी लॉजिस्टिक्स विशेषज्ञता प्रदान कर रहा है। ये सेवाएं स्पष्ट मूल्य निर्धारण और आसान एकीकरण प्रदान करती हैं, जो सभी आकार की कंपनियों के लिए बी2बी और बी2सी संचालन के लिए लॉजिस्टिक्स को सुव्यवस्थित करती हैं। अपने सफल और सिद्ध लॉजिस्टिक्स समाधानों का विस्तार कर, अमेज़न भारत के तेज़ी से बदलते ऑनलाइन खुदरा परिदृश्य में विश्वसनीय, लागत प्रभावी शिपिंग की बढ़ती ज़रूरत को पूरा करने में मदद कर रही है।
अमेज़न फ्रेट इस साल की शुरुआत में शुरू की गई अमेज़न इंट्रा-सिटी और इंटर-सिटी परिवहन के लिए सुव्यवस्थित फुल ट्रक लोड फ्रेट सेवा प्रदान करती है। यह अमेज़न के व्यापक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क का लाभ उठाता है ताकि फुलफिल्मेंट सेंटरों और विभिन्न शहरों के बीच माल की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित हो। यह सेवा कई बिचौलियों की ज़रूरत को खत्म करती है, जिससे पारंपरिक फुल ट्रक लोड बुकिंग से जुड़ी जटिलता और लागत कम होती है। अमेज़न फ्रेट सेवा समर्पित खाता प्रबंधक, 24/7 सहायता, डिलीवरी का इलेक्ट्रॉनिक प्रमाण और स्वचालित ट्रैकिंग प्रदान करती है।
अमेज़न शिपिंग 2021 में शुरू की गई, लास्ट-माइल (अंतिम मील) बी2सी पार्सल डिलीवरी सुनिश्चित करती है। यह पारदर्शी मूल्य निर्धारण, रीयल-टाइम ट्रैकिंग, पुनर्निर्धारण उपकरण और दैनिक कैश ऑन डिलीवरी (सीओडी) प्रेषण प्रदान करती है। यह सेवा एक मजबूत तकनीकी स्टैक पर बनाई गई है जो एंड-टू-एंड ट्रैकिंग, कई एकीकरण विकल्पों, दावा प्रबंधन और खाता प्रबंधन के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल का समर्थन करती है।