हैदराबाद। तेलंगाना की हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हैदराबाद के बाहरी इलाके सिद्दीपेट में चुनाव अभियान एवं जनसभा के दौरान दिए गए भाषण का एक विकृत वीडियो प्रसारित करने के आरोप में तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस की सोशल मीडिया इकाई में काम करने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।,
गिरफ्तार किए गए लोगों में पेंड्याला वामशी कृष्णा, मन्ने सतीश, पेट्टम नवीन, अस्मा तस्लीम और कोया गीता शामिल हैं। हैदराबाद शहर के साइबर अपराध पुलिस उपायुक्त दारा कविता ने शुक्रवार को यहां एक विज्ञप्ति में बताया कि सभी हैदराबाद के निवासी हैं। सभी आरोपियों को हैदराबाद के नामपल्ली में बारहवीं एसीएमएम की अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां उन्हें सशर्त जमानत दे दी गई।,
अदालत ने उन्हें दो प्रतिभूतियों के साथ 10,000 रुपए जमा करने और अगले आदेश तक सोमवार और शुक्रवार को जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थिति दर्ज कराने को कहा है। भारतीय जनता पार्टी के राज्य महासचिव जी प्रेमेंदर रेड्डी से 27 अप्रैल को प्राप्त शिकायत पर आधारित थीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि तेलंगाना कांग्रेस ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शाह का विकृत/मनगढ़ंत वीडियो पोस्ट किया है। जानबूझकर और शरारती कृत्य का उद्देश्य अन्य पिछड़ा वर्ग के बीच भय पैदा करके लोगों और मतदाताओं को गुमराह करना है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस संबंध में साइबर अपराध पुलिस, हैदराबाद ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किये हैं और जांच कर रही है। गिरफ्तार किए गए सभी लोग राजनीतिक दलों से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट की निगरानी करते थे तथा उन्हें अपने आधिकारिक और व्यक्तिगत ट्विटर हैंडल पर अपलोड करते थे।
अमित शाह ने मेडक में एक सार्वजनिक बैठक के दौरान भाषण दिया था, जिसका मॉर्फ वीडियो वामशी कृष्णा को व्हाट्सऐप पर प्राप्त हुआ। उसने उस रूपांतरित वीडियो को ट्विटर हैंडल पर अपलोड किया और इसे विभिन्न व्हाट्सऐप ग्रुप में साझा किया। बाद में, वीडियो देखने वाले बाकी आरोपियों ने उसी वीडियो को अपने व्यक्तिगत ट्विटर हैंडल पर साझा किया। जब ट्विटर को संवेदनशील सामग्री के बारे में सूचित किया गया, तो उसने इसे हटा दिया। उन्होंने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि पुलिस ने सोशल मीडिया यूनिट से पांच मोबाइल फोन, आई बॉल स्लाइड (टीएबी), दो एसीईआर लैपटॉप और दो सीपीयू जब्त किए। पुलिस ने जनता को आगाह किया कि वे राजनीतिक दलों से संबंधित कोई भी वीडियो या फोटो प्रसारित न करें क्योंकि इससे चुनाव से संबंधित आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हो सकता है।