अजमेर। अमृत स्टेशन योजना के अंतर्गत देश के 500 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर किए जा रहे विकास कार्यों के तहत अजमेर मण्डल में अजमेर-चित्तौड़गढ़ खंड पर स्थित विजयनगर स्टेशन की भी काया पलट होगी। इस योजना से स्टेशनों पर वाणिज्यिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी।
वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक अजमेर सुनील कुमार महला के अनुसार अमृत स्टेशन योजना के अंतर्गत अजमेर मंडल के अजमेर-चित्तौड़गढ़ खंड पर स्थित एनएसजी-4 श्रेणी के विजयनगर स्टेशन को अमृत स्टेशन योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है।
योजना के अंतर्गत 15.24 करोड़ रुपए की लागत से स्टेशन पर स्टेशन रि-डेवलपमेंट के कार्य किए जा रहे हैं। नया स्टेशन भवन सहित अन्य यात्री सुविधाओं के विस्तार के लिए निर्माण कार्य जारी है। अमृत स्टेशन योजना के अंतर्गत विजयनगर स्टेशन पर वाणिज्यिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
विजयनगर स्टेशन पर किए जा रहे विकास कार्यों के अंतर्गत वाणिज्यिक उपयोग हेतु जो स्थान उपलब्ध कराया गया है उसमें वेटिंग रूम मय कैफेटेरिया हेतु 14.8 X 13.8 मीटर अर्थात 204 स्क्वायर मीटर तथा 3 दुकानों 2.8 x 2.7 मीटर अर्थात 22.68 स्क्वायर मीटर प्रथम तल पर उपलब्ध होगा जिसका उपयोग सरकारी या प्राइवेट ऑफिस, बैंक, फूड प्लाजा, होटल और रेस्टोरेंट हेतु किया जा सकेगा।
प्रतिदिन 20 जोड़ी ट्रेनों के संचालन वाले इस स्टेशन पर इस योजना के अंतर्गत यात्रियों को मूलभूत व विशेष सुविधाएं प्राप्त होगी। विजयनगर राजस्थान में कपास उत्पादन में दूसरा स्थान रखता है साथ ही यह एक औद्योगिक क्षेत्र है जिसमें कृषि मंडी, पशु चारा संयंत्र, तेल मीलें, ऊनी धागा मील, आटा मीलें, सिरेमिक उद्योग, कपास और सिंथेटिक वेस्ट साइकलिंग प्लांट शामिल है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे द्वारा अमृत स्टेशन योजना को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य देश के छोटे और महत्वपूर्ण स्टेशनों का आधुनिकीकरण करना है। ताकि स्टेशनों की सुविधा में वृद्धि की जा सके। साथ ही इस योजना के माध्यम से रेलवे स्टेशनों पर सिटी सेंटर और रूफ प्लाजा का निर्माण किया जाएगा। दिव्यांग नागरिकों के लिए स्टेशनों के नवीनीकरण में विशेष सुविधा के अलावा विभिन्न प्रकार की सुविधाएं रेलवे द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी।
अमृत स्टेशन योजना के अंतर्गत चयनित स्टेशनों के कार्यों की समीक्षा व निरीक्षण स्वयं मंडल रेल प्रबंधक अजमेर राजीव धनखड़ द्वारा किया जा रहा है। मंडल रेल प्रबंधक ने अमृत स्टेशन योजना के अंतर्गत जारी कार्यों की समीक्षा कर अधीनस्थ अधिकारियों को कार्य और भी तीव्र गति से किए जाने हेतु निर्देश दिए हैं।