श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में तीन वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी एक कर्नल, एक मेजर और एक पुलिस उपाधीक्षक शहीद हो गए। यह इस साल कश्मीर में सुरक्षा बलों को लगा सबसे बड़ा झटका और नुकसान है।
अधिकारियों ने कहा कि कोकेरनाग के गडोले इलाके में एक मुठभेड़ के दौरान सेना की विशिष्ट आतंकवाद विरोधी इकाई के कमांडिंग ऑफिसर सहित तीन सुरक्षा अधिकारी घायल हो गए। मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब उस क्षेत्र सुरक्षा बलों की संयुक्त टीमें घेराबंदी और तलाश अभियान (कासो) चला रही थीं।
अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बल क्षेत्र की घेराबंदी कर रहे थे। इस बीच आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें तीन अधिकारी घायल हो गए। घायल अधिकारियों ने बाद में दम तोड़ दिया। इस मुठभेड़ में अभी तक किसी आतंकवादी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।
सेना या पुलिस ने हताहतों के बारे में अब तक कोई बयान जारी नहीं किया है। इससे पहले दिन में सेना ने कहा था कि एक संयुक्त अभियान के दौरान मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा था कि आतंकवादियों की मौजूदगी की विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर 12-13 सितंबर की मध्यरात्रि को अनंतनाग के एरिया गारोल में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था। संपर्क स्थापित हुआ और गोलीबारी हुई। सेना के दो जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक जवान घायल हो गया। ऑपरेशन प्रगति पर है।
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह और 15 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, जो कश्मीर में सबसे वरिष्ठ भारतीय सेना अधिकारी हैं, सहित शीर्ष पुलिस और सेना अधिकारी आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन की निगरानी के लिए कोकेरनाग क्षेत्र में पहुंचे हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए अतिरिक्त बलों को इलाके में तैनात किया गया है। प्रतिबंधित रेजिस्टेंस फ्रंट, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का शैडो ग्रुप माना जाता है, ने इस मुठभेड़ की जिम्मेदारी ली है।