पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के खिलाफ पीएफ धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तारी वारंट

बेंगलूरु। पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को उनकी बेंगलूरु स्थित कपड़ा कंपनी सेंटोरस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) खाते में कथित धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तारी वारंट का सामना करना पड़ रहा है।

उथप्पा, जो कंपनी के निदेशक के रूप में सूचीबद्ध हैं, पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को योगदान राशि भेजने में विफल रहने और अपने कर्मचारियों के वेतन से भविष्य निधि में कटौती को रोकने का आरोप है।

यह मामला तब सामने आया जब कंपनी कथित रूप से 23,36,602 रुपए की बकाया राशि चुकाने में विफल रही, जिसमें कर्मचारियों के वेतन से काटा गया भविष्य निधि योगदान भी शामिल है। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त, सदाक्षरी गोपाल रेड्डी ने बकाया भुगतान जमा करने में कंपनी की विफलता के बाद चार दिसंबर को गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

वारंट में कहा गया है कि उथप्पा को 27 दिसंबर तक बकाया राशि का भुगतान करना होगा वरना उन्हें गिरफ्तारी सहित कानूनी परिणाम भुगतने होंगे। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने इस बात पर बल दिया कि धनराशि का भुगतान नहीं करने से उन श्रमिकों के भविष्य निधि खातों के निपटान में बाधा उत्पन्न हुई है जो कंपनी द्वारा अपने कानूनी दायित्वों को पूरा करने में विफलता से प्रभावित हुए हैं।

उथप्पा (39 वर्षीय) भारतीय क्रिकेट में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 59 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और 1,183 रन बनाए हैं जिसमें सात अर्धशतक शामिल है। उनके करियर में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का एक प्रमुख कार्यकाल भी शामिल है, जहां उन्होंने एक विश्वसनीय मध्य-क्रम बल्लेबाज के रूप में अपनी पहचान बनायी। हालांकि, नई कानूनी चुनौती उनके क्रिकेट के बाद के करियर को जांच के दायरे में लाती है, जिससे उनके व्यापारिक लेनदेन पर चिंताएं बढ़ गई है।

यह मामला व्यवसायों में वित्तीय अनियमितताओं के एक व्यापक मुद्दे पर प्रकाश डालता है जो श्रमिकों के कल्याण को प्रभावित करता है, विशेष रूप से भविष्य निधि जैसे अनिवार्य कर्मचारी लाभों को। भुगतान की समय सीमा 27 दिसंबर निर्धारित होने के साथ ही यह देखना बाकी है कि क्या उथप्पा इस मामले को सुलझाने और आगे के कानूनी कार्रवाई से बचेंगे।

अब तक, उथप्पा ने अपनी गिरफ्तारी वारंट पर कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है। क्रिकेट की दुनिया में उथप्पा के हाई प्रोफाइल और उनके खिलाफ आरोपों की गंभीर प्रकृति के कारण इस मामले पर और ध्यान आकर्षित होने का अनुमान है।