नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक याचिका दायर कर अपने स्वास्थ्य की जांच के लिए अपनी अंतरिम जमानत अवधि एक जून से सात दिन आगे बढ़ाने की गुहार लगाई है।
दिल्ली अबकारी नीति से संबंधित धनशोधन के एक मामले के आरोपी केजरीवाल ने अपनी याचिका में दावा किया है कि गिरफ्तारी के बाद उनका वजन सात किलोग्राम कम हो गया है। उनका कीटोन लेवल बहुत ज्यादा है, जो किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है।
उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि वर्तमान में उनका इलाज कर रहे मैक्स अस्पताल के संबंधित डॉक्टरों ने कुछ जांच करने की सलाह दी है, जिसके लिए सात दिनों का समय चाहिए। याचिका में कहा गया है कि उन्हें पीईटी-सीटी स्कैन और अन्य जांच करने की सलाह दी गई है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने 10 मई को केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियानों में भाग लेने के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दी थी और दो जून को उन्हें जेल प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति -2021-22 (जो बाद में रद्द कर दी गई थी) में कथित घोटाले में 21 मार्च 24 को गिरफ्तार किया गया था। केजरीवाल को गिरफ्तार करने वाली केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने उन पर मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप लगाया है। उन पर पूर्व के गोवा विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए 100 करोड़ रुपये गलत तरीके से हासिल करने का आरोप है।
अरविंद केजरीवाल ने ईडी की ओर से अपनी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती दी है। इस मामले में उन्हें शीर्ष अदालत की ओर से अंतरिम जमानत दे दी गई थी, लेकिन उन्होंने नियमित जमानत के लिए अब तक कोई याचिका दायर नहीं की है। शीर्ष अदालत ने केजरीवाल की गिरफ्तारी और उसके बाद ईडी की हिरासत को चुनौती देने वाली उनकी अपील पर 17 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 17 अगस्त 22 को अबकारी नीति बनाने और उसके कार्यान्वयन में की गई कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एक आपराधिक मुकदमा दर्ज किया था। इसी आधार पर ईडी ने 22 अगस्त 22 को धनशोधन का मामला दर्ज किया था।
ईडी का दावा है कि आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसौदिया, राज्य सभा सांसद संजय सिंह सहित अन्य ने अवैध कमाई के लिए साजिश रची थी। गौरतलब है कि इस मामले में आप सांसद सिंह को उच्चतम न्यायालय ने दो अप्रैल को राहत दी।शीर्ष अदालत के इस आदेश के मद्देनजर राऊज एवेन्यू स्थित एक विशेष अदालत ने तीन अप्रैल को उन्हें सशर्त तिहाड़ जेल से रिहा करने का आदेश पारित किया था।