नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री आवास में हुए खर्चे को लेकर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह खुद अपने शीशमहल का काला सच जनता को बताएं, क्योंकि जनता जानना चाहती है कि इसके अंदर आखिर कैसे राज दफन हैं, जिन्हें छिपाया जा रहा है।
भाजपा नेता एवं दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने शनिवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री के सरकारी आवास 06 फ्लैग स्टॉफ रोड में किए गए अवैध निर्माण और उसमें लगाये गये बेशकीमती संसाधनों को लेकर केजरीवाल को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने केजरीवाल को चुनौती देते हुए कहा कि वे खुद सामने आकर जनता को अपने इस शीशमहल का काला सच बतायें, क्योंकि जनता जानना चाहती है कि आखिर इस शीशमहल का सच क्या है। इसके अंदर ऐसे आखिर कौन से राज दफन हैं, जिन्हें जनता से छुपाया जा रहा है।
उन्होंने सवाल किया कि आखिर उनकी ऐसी क्या योजना थी, जिसमें 200 करोड़ रुपए की लागत से अवैध निर्माण करने की तैयारी की जा रही थी। उन्होंने बताया कि 10 हजार वर्ग गज के मुख्यमंत्री आवास को कई फ्लैट तोड़कर लगभग 50,000 वर्ग गज यानी 10 एकड़ के विशाल क्षेत्र में मुख्यमंत्री के लिए आलीशान शीश महल खड़ा कर दिया गया। जिन बंगलों को तोड़कर इस शीशमहल में मिलाया गया, उनमें वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का आवास था।
गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि इन सभी सरकारी संपत्तियों को मिलाने के लिए किसी सक्षम प्राधिकरण से अनुमति नहीं ली गई और इसी कारण सरकारी रिकॉर्ड में आज भी ये संपत्तियां अपने पुराने नंबरों के रूप में दर्ज हैं।
उन्होंने यह अवैध निर्माण कार्य बदस्तूर जारी रहता, यदि विपक्ष इस मामले को जनता के सामने न लाता। उन्होंने कहा कि इसमें सिर्फ निर्माण कार्य में ही किए गए, बल्कि इस सरकारी आवास में करोड़ों रुपए का आरामदायक लग्जरी साजो-सामान भी लगा दिया गया। यह वह दौर था, जब देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था और केजरीवाल अपने इस आलीशान शीशमहल को सजाने के लिए इसमें महंगे सामान को जुटाने की खातिर ‘नई शराब नीति’ की इबारत लिखते रहे थे।
उन्होंने कहा कि पुरानी शराब नीति के होते हुए भी ‘नई शराब नीति’ बनाने का मकसद सिर्फ शराब माफिया को बेजा फायदा पहुंचाना था, जिसके बदले में श्री केजरीवाल ने अपने शीशमहल में सोने की कमोड, 28 लाख के टीवी, करोड़ों के पर्दे, महंगे सोफे, रीक्लाइनिंग चेयर्स जैसा लग्जरी सामान जुटा लिया।
भाजपा नेता के अनुसार यह सारा सामान 2022 में जुटाया गया और इसका खुलासा लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा 2022 की वस्तु-सूची की फेहरिस्त (इन्वेंटरी लिस्ट) और 2024 में शीशमहल खाली करने के बाद बनाई गई इन्वेंटरी लिस्ट के मिलान के बाद हुआ। पीडब्ल्यूडी ने यह स्पष्ट किया कि दोनों इन्वेंटरी लिस्ट में भारी असमानता है।
गुप्ता ने सवाल किया कि यदि पीडब्ल्यूडी ने यह सामान नहीं दिया, तो यह सामान आया कहां से? जाहिर है यह सामान शराब माफिया ने ही केजरीवाल के अहसानों का बदला चुकाने के लिए उपलब्ध करवाया था। उन्होंने सवाल किया कि वह बताएं कि क्या केजरीवाल ने खुद यह सामान अपने पैसों से खरीदा था।
उन्होंने कहा कि इस मसले पर केजरीवाल की चुप्पी बता रही है कि शराब माफिया ने ही उन्हें यह सामान दिया, जिसके फायदे के लिए केजरीवाल ने शराब की बिक्री पर मिलने वाले कमीशन को 05 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया और इस बढ़ाई गई कमीशन की रकम का मोटा हिस्सा केजरीवाल को सहूलियत और आरामदायक संसाधन सामान उपलब्ध करवाने में खर्च किया गया।
भाजपा नेता ने कहा कि इस मामले में भ्रष्टाचार की शिकायत विपक्ष द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग में शिकायत दर्ज करवाने के बाद आयोग ने दिल्ली सतर्कता विभाग को जांच के लिये कहा और जिसने जांच को आगे बढ़ाते हुए लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को इस मामले में 5 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा, लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। गुप्ता ने आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा पीडब्ल्यू विभाग के अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है, इसलिए अभी तक उनकी ओर से कुछ जवाब नहीं दिया गया।