उदयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि उदयपुर में कन्हैयालाल दर्जी हत्याकांड का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पास है, अगर यह मामला राज्य सरकार की जांच ऐजेंसियों के पास होता तो आरोपियों को अभी तक फांसी की सजा हो चुकी होती।
गहलोत ने शनिवार को उदयपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व जिला कलक्टर ताराचंद मीणा का नामांकन दाखिल करने की रैली को संबोधित करने के दौरान यह कहा। उन्होंने कहा कि कन्हैयालाल हत्याकांड मामले की जांच एसओजी पुलिस के पास से एनआईए को सौंपी थी। केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने इस मामले को अटकाए रखा और विधानसभा चुनाव में इसे भुनाया। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच राज्य की एजेंसियों के पास होती तो आरोपियों को अब तक फांसी की सजा हो चुकी होती।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कन्हैयालाल के परिजनों को 50 लाख रूपए की आर्थिक सहायता के साथ उसके दोनों बच्चों को सरकारी नौकरी दी। इसके अलावा इस घटना के आरोपियों को पुलिस ने दो घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया था। यही नहीं आरोपियों की गिरफ्तारी करवाने में सहयोग करवाने वाले दोनों युवकों को भी सरकारी नौकरी दी है।
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी ताराचंद मीणा ने उदयपुर में कलक्टर के पद पर रहते जो काम किए उससे आमजनता बहुत प्रभावित हुई है। श्री मीणा की सिफारिश पर ही उनकी सरकर ने उदयपुर में पानी पहुंचाने के लिए बहुप्रतिक्षित देवास तृतीय एवं चतुर्थ चरण के तहत 1600 करोड़ रूपये की स्वीकृति हुई थी। गहलोत ने कहा कि भाजपा देश में 400 सीटें जीतने की बात कर रही है जिससे संविधान में छेडछाड का खतरा पैदा हो गया है।
सभा को पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा गिरिजा व्यास, पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा, पूर्व मंत्री डा मांगीलाल गरासिया, विधायक दयाराम परमार, पुष्कर डांगी, प्रदेश कांग्रेस के महासचिव लालसिंह झाला, पूर्व विधायक नंगराज मीणा, सज्जन कटारा, रामलाल मीणा ने भी संबोधित किया।