जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के नवनियुक्त सदस्य कर्नल केसरी सिंह के सोशल मीडिया पर जाति विशेष और व्यक्ति विशेष को लेकर दिए गए बयान को निंदनीय, पीड़ादायक एवं दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि उनकी टिप्पणियों से मुझे भी बेहद दुख पहुंचा है।
गहलोत ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि एक तरफ हमारी सरकार ने तीन लाख भर्ती निकालने का ऐतिहासिक कार्य किया जो शायद देश में सर्वाधिक है और दूसरी तरफ पेपर लीक की कुछ घटनाएं सामने आईं (अधिकांश राज्यों में ऐसी ही स्थिति बनी हुई है, आर्मी और ज्यूडिशियरी तक में पेपर लीक हो गए)। यह सोचकर सरकार ने प्रयास किया कि आर्मी बैकग्राउंड के अधिकारियों को आरपीएससी एवं राजस्थान अधीनस्थ सेवा बोर्ड (आरएसएसबी) जैसी संस्थाओं में स्थान दिया जाए जिससे इन संस्थाओं की विश्वसनीयता कायम रहे।
हाल ही में सरकार ने आरएसएसबी के अध्यक्ष के रूप में मेजर जनरल आलोक राज एवं आरपीएससी में सदस्य के रूप में कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति की सिफारिश की थी। इन दोनों ने ना तो अप्लाई किया और ना ही इनकी कोई सिफारिश आई। इनकी 37 साल और 20 साल की सैन्य सेवाओं को देखते हुए इनको नियुक्त किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी सेना में रहे व्यक्ति से जाति, धर्म, वर्ग आदि से ऊपर उठकर देशसेवा की उम्मीद की जाती है। सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपनी जान तक न्यौछावर कर देते हैं इसलिए उनका समाज में सम्मान होता है।
कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति के बाद सोशल मीडिया पर उनके कुछ बयान वायरल हुए हैं जो जाति विशेष और व्यक्ति विशेष को लेकर दिए गए हैं जो निंदनीय, पीड़ादायक एवं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उनकी टिप्पणियों से मुझे भी बेहद दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने उनके सैन्य बैकग्राउंड को देखते हुए उनकी नियुक्ति की सिफारिश की थी।