अशोक गहलोत ने विधायकों को खुश करने के लिए बनाए थे नए जिले : मदन राठौड़

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर जवाब देते हुए कहा है कि गहलोत ने अपनी अल्पमत सरकार को सहयोग करने वाले विधायकों को खुश करने के लिए आनन-फानन में नए जिलों की घोषणा कर दी थी।

राठौड़ ने रविवार को जारी बयान में कहा कि इतना ही नहीं, गहलोत ने पूर्व सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी रामलुभाया की अध्यक्षता में समिति तो गठित की, लेकिन नये जिलों की घोषणा के बाद स्वयं रामलुभाया ने आश्चर्य व्यक्त किया था। इसका मतलब साफ है कि गहलोत ने समिति को भी अंधेरे में रखकर विधायकों को खुश करने के लिए जिलों की रेवड़ियां बांटी थी ताकि उनकी अस्थिर सरकार को सहारा मिल सकें।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सभी जिलों की समीक्षा करने के बाद भूपपूर्व प्रशासनिक अधिकारी ललित के पंवार की अध्यक्षता में समिति का गठन किया, मंत्रिमंडल की समिति बनाई और इनकी रिपोर्ट के बाद कैबिनेट बैठक में नौ जिलें एवं तीन संभाग समाप्त करने का प्रस्ताव किया है। समिति के साथ भाजपा सरकार ने राजस्थान की भौगोलिक, सांस्कृतिक और जनसंख्या के आधार पर जनता की मांग को देखते हुए 41 जिले और सात संभाग रखने का फैसला किया है।

राठौड़ ने कहा कि गहलोत सरकार ने नए जिले तो घोषित कर दिए, लेकिन उन जिलों को चलाने के लिए न तो आर्थिक प्रबंधन किया और न ही उनके कार्यालय संसाधन आदि की व्यवस्था की। गहलोत तो पांच वर्ष तक सरकार बचाने में जुटे रहे। उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच शीत युद्ध जनता के सामने है।

गहलोत और पायलट दोनों अपने खेमों के विधायकों को लेकर होटलों में कैम्प चलाते रहे। ऐसे में गहलोत विधायकों को संतुष्ट करने में जुटे रहे और गहलोत सरकार ने बिना गहन चिंतन किए चुनावी आचार संहिता लगने से एक दिन पूर्व अचानक नए जिलों की घोषणा कर दी। गहलोत ने ऐसे भी नए जिले बना दिए जिसकी कभी किसी ने कोई मांग तक नहीं की।

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