जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा अरूण चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने और कानून व्यवस्था नियंत्रण से बाहर होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि आचार संहिता लागू होने के बाद भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार सत्ता जाने के भय से लगातार ट्रांसफर, घोषणाएं और प्रलोभन देने के सभी तरीके अपना रही है।
डा चतुर्वेदी गुरुवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस दिन आचार संहिता लग रही थी उस दिन देर रात तक सचिवालय में ट्रांसफर और घोषणाओं की बंदरबाट चलती रही और खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन किया गया। उन्होंने कहा कि उसी दिन आरपीएससी के तीन सदस्यों की घोषणा की गई। राजस्थान राज्य कर्मचारी बोर्ड में दो नियुक्तियां, आर्थिक पिछड़ा वर्ग में नियुक्ति और पांच नए बोर्डों का गठन किया गया। ये सभी आचार संहिता का खुला उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि गहलोत यह जानते थे कि जिन्हें बोर्ड का अध्यक्ष बना रहे हैं, आचार संहिता लगने के बाद उन्हें न गाड़ी मिलने वाली है और न ही स्टाफ मिलने वाला है क्योंकि यह केवल चुनावी घोषणा मात्र रह जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले 48 घंटे में चुनाव आयोग के पास 500 से अधिक आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पहुंची है। जिनमे से रिटर्निंग अफसर ने 134 को सही पाया और 115 शिकायतें ख़ारिज की है।
चतुर्वेदी ने कहा बुधवार को अशोक गहलोत कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली गए थे, इस दौरान सरकारी गाड़ी में उनके साथ उनके सचिव भी सोनिया गांधी के घर साथ रहे जो सीधा सीधा आचार संहिता का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को पत्र लिखकर सरकारी योजनाओं में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के फोटो लगाने के खिलाफ शिकायत की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से बिजली के बिल, गारंटी कार्ड, सरकारी पत्रक और जो स्मार्ट फोन बांटे गए हैं इन सभी पर मुख्यमंत्री ने अपना फोटो लगवाया हुआ है। आने वाले समय में जो पट्टे बांटने का काम होगा उस योजना में भी पट्टों पर मुख्यमंत्री गहलोत की फोटो लगाने का काम किया गया है। जिसके माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके। उन्होंने कहा कि उम्मीद हैं कि चुनाव आयोग इन सभी विषयों पर चिंता करेंगे और हमारी मांगों पर उचित कार्रवाई होगी।
डा चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदेश में दुष्कर्म एवं छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ी है और पाली में नाबालिग के साथ गैंगरेप, श्रीगंगानगर में थाने से महज 150 मीटर दूर एक व्यापारी की सुबह गोली मारकर हत्या कर दी गई। कुछ दिन पहले हुए विवाद को लेकर व्यापारी की ओर से पुलिस को शिकायत दी गई थी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि चुनाव आयोग पूरी सख्ती बरत रहा है कल ही तीन पुलिस अधीक्षक और एक कलेक्टर को हटाकर इस बात का संदेश भी दिया गया है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्य चुनाव आयुक्त इन सब विषयों को लेकर अपनी तरफ से संज्ञान लेकर सरकार को निर्देशित करेंगे, अन्यथा भाजपा राष्ट्रीय चुनाव आयोग को इस संबंध में शिकायत करेंगी।