वाराणसी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सोमवार को वाराणसी जिला अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की अपनी वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की।
हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि एएसआई के अधिकारी और उसके वकील अमित श्रीवास्तव जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में पेश हुए और एक सीलबंद लिफाफे में वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपी। अदालत ने रिपोर्ट स्वीकार कर ली और सुनवाई की अगली तारीख 21 दिसंबर तय की।
यादव ने कहा कि जिला जज के समक्ष हिंदू पक्ष ने सुप्रीमकोर्ट के पिछले साल 10 अगस्त के लिखित आदेश को पेश किया, जिसमें कहीं भी सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपने का जिक्र नहीं किया गया है, इसलिए रिपोर्ट की एक प्रति हिंदू पक्ष के वकीलों को दी जाए। हालांकि सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई।
ज्ञातव्य है कि 11 दिसंबर को, एएसआई के वकील ने रिपोर्ट जमा करने के लिए एक सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा था। इसके पीछे तर्क था कि अधीक्षण पुरातत्वविद् अविनाश मोहंती का रक्तचाप बढ़ने से वह अदालत में पेश नहीं हो सके। जिला अदालत ने तब एक सप्ताह का समय बढ़ाया था और 18 दिसंबर तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
पिछली 21 जुलाई को वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण का आदेश दिया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि मस्जिद का निर्माण हिंदू-मंदिर की पूर्व-संरचना पर किया गया था या नहीं। एएसआई द्वारा वज़ूखाना को छोड़कर पूरी ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण किया जा रहा था, जहां कोर्ट कमीशन की जांच के दौरान एक शिवलिंग जैसी संरचना पाई गई थी।