स्टॉकहोल्म। स्वीडन की फार्मास्युटिकल कंपनी ऐस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रभाव को लेकर दुनियाभर में मचे बवाल के बाद कंपनी ने वैक्सीन कोविशील्ड और वेक्सजेवरिया को वैश्विक स्तर पर वापस लेने की पहल की है।
ब्रिटेन की इस दवा कंपनी ने स्वीकार किया था कि उनकी कोविशील्ड वैक्सीन के दुर्लभ प्रभाव हो सकते हैं। फार्मा कंपनी ने माना है कि उनकी कोविशील्ड वैक्सीन कई दुर्लभ मामलों में खून के थक्के जमने और प्लेटलेट काउंट कम होना का भी कारण हो सकती है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने कोविशील्ड नाम से जो वैक्सीन बनाई थी, वह एस्ट्राजेनेका का ही फॉर्मूला है।
यूरोपीय संघ से वैक्सीन की वापसी के लिए आवेदन पांच मार्च को प्रस्तुत किया गया था और मंगलवार को लागू हुआ। इसी तरह के आवेदन आने वाले महीनों में ब्रिटेन और अन्य देशों में दायर किए जाने की उम्मीद है जहां इसे मंजूरी दे दी गई थी।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि हम वैक्सजेवरिया के लिए विपणन प्राधिकरण वापसी शुरू करने के लिए वैश्विक स्तर पर नियामक अधिकारियों के साथ साझेदारी करेंगे, जहां टीकों की भविष्य में कोई व्यावसायिक मांग की उम्मीद नहीं है।
कंपनी ने कहा कि यह कदम व्यावसायिक कारणों से उठाया गया है, दरअसल टीके का अपडेट संस्करण उपलब्ध है, इसलिए वैक्सीन के पुराने स्टॉक को वापस लेने की पहल की गयी है। उन्होंने कहा है कि टीके की वापस लेने का निर्णय इसके दुष्प्रभावों पर हाल ही में अदालती मामले से जुड़ा नहीं है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष अप्रैल में रिपोर्ट सामने आई कि एस्ट्राजेनेका ने फरवरी में ब्रिटेन के न्यायालय में प्रस्तुत एक कानूनी दस्तावेज़ में पहली बार स्वीकार किया कि टीकों के कुछ दुर्लभ मामलों में दुष्प्रभाव दिख रहे हैं। इस दुष्प्रभाव में खून के थक्के जमने और प्लेटलेट काउंट कम होना का भी कारण हो सकती है।