जालौर। राजस्थान के जालौर जिले में लगभग पांच करोड़ के गबन के मामले में बालवाडा ग्राम सेवा सहकारी समिति के तत्कालीन व्यवस्थापक एवं दी जालौर सेन्ट्रल कॉ-आपरेटिव बैंक शाखा सायला के ऋण पर्यवेक्षक आशाराम मेघवाल एवं समिति के तत्कालीन सहायक व्यवस्थापक चम्पा लाल जीनगर को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस अधीक्षक ज्ञान चन्द्र यादव ने बताया कि दो अक्टूबर 2022 को दी जालौर सेण्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालौर के वरिष्ठ प्रबन्धक भूराराम पुंछल ने रिपोर्ट दी कि ग्राम सेवा सहकारी समिति के अधीन आने वाले किसानों को फसल चक्र अनुसार ऋण साख-सीमा का निर्धारण कर साख-सीमा समिति स्तर से स्वीकृति कर हल्का अधिकारी के माध्यम से बैंक की सम्बन्धित शाखा से ऋण स्वीकृत किया जाता है।
इसी तरह बालवाड़ा, केशवना, ऐलाना, बिशनगढ, मांडवला की ग्राम सेवा सहकारी समितियों द्वारा भी किसानों की साख सीमा निर्धारण कर ऋण स्वीकृत किया जाता था। इसमें से बालवाड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति के व्यवस्थापक, सहायक व्यवस्थापक तथा इन सोसायटियों से सम्बंधित बैंक दी-जालौर सेन्ट्रल कॉ-आपरेटिव सोसायटी के शाखा प्रबंधक, कैशियर आदि द्वारा बिना साख सीमा निर्धारण किए तथा भूमि को कम या अधिक करके, लोन भरने के बाद भी बिना किसान की जानकारी के लोन रिपीट कर, बिना आवेदन ही लोन स्वीकृती दे करोड़ों रूपयो के गबन किया है।
इसके बाद राज्य सरकार की ऋण माफी योजना राजस्थान सहकारी फसली ऋण माफी योजना- 2018 एवं राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना- 2019 के तहत अपात्र व्यक्तियों को ऋण माफ कर राज्य सरकार को करोड़ों रूपए की वित्तीय हानि पहुॅचाई है। रिपोर्ट पर बिशनगढ थाने में मामला दर्ज किया गया।
यादव ने बताया कि पुलिस टीम द्वारा अनुसंधान उपरांत ग्राम सेवा बालवाड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति के तत्कालिन व्यवस्थापक एवं दी जालौर सेन्ट्रल कॉ-आपरेटिव बैंक शाखा सायला के ऋण पर्यवेक्षक आशा राम मेघवाल एवं बालवाडा ग्राम सेवा सहकारी समिति के तत्कालीन सहायक व्यवस्थापक चम्पालाल जीनगर द्वारा उसके सहयोगियों के साथ मिलकर करीब पांच करोड़ ररुपये का गबन करना पाया जाने से इन दोनों को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया।
इनमें से आरोपी आशा राम मेघवाल के विरूद्ध थाना सायला एवं थाना कोतवाली जालौर में भी गबन के दो अलग-अलग प्रकरण पंजीबद्व है। प्रकरण में अन्य कथित आरोपियों की भूमिका के सम्बंध में अनुसंधान किया जा रहा है।