ढाका। बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बीच राजधानी ढाका में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक देश के विभिन्न हिस्सों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच ताजा झड़पों में 35 लोग जान गंवा चुके हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस महीने की शुरुआत में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से अब तक कुल 67 लोगों की मौत हो चुकी है।
बांग्लादेश इंडिपेंडेंट टेलीविजन चैनल ने शुक्रवार को 17 और लोगों की मौत की रिपोर्ट दी है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार मोबाइल, इंटरनेट और फोन लाइनें बंद होने तथा पूरी तरह से संचार लॉकडाउन होने के कारण हताहतों की सटीक संख्या का पता लगाना मुश्किल है।, प्रधानमंत्री कार्यालय ने कल नरसिंगडी जेल पर हमले के बाद कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया।
प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रेस सचिव नईमुल इस्लाम खान ने व्यवस्था बहाल करने के लिए सड़कों पर सेना तैनात किए जाने की घोषणा की है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि सरकार ने कर्फ्यू लगाने और नागरिक अधिकारियों की सहायता के लिए सेना तैनात करने का फैसला किया है।
इस बीच पूरे देश में बस और ट्रेन सेवाएं बाधित हैं, और मीडिया में प्रकाशित तस्वीरों में सड़कों पर दंगा-रोधी वर्दी में बड़ी संख्या में पुलिस को देखा जा सकता है। स्कूल और विश्वविद्यालय भी अगली सूचना तक के लिए बंद हैं। प्रदर्शनकारियों ने हालांकि अपना ‘पूर्ण बंद’ जारी रखने की प्रतिज्ञा की है तथा पूरे शहर में सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है। छात्रों का तर्क है कि कोटा प्रणाली भेदभावपूर्ण है और वे योग्यता आधारित भर्ती की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कल नरसिंगडी जिला जेल पर भी धावा बोला, जहां से कई सौ कैदियों की भागने की खबर सामने आई है। मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनल पार्टी ने भी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।