जयपुर। राजस्थान में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की भारत आदिवासी पार्टी (बाप) के नेताओं के बयान पर टिप्पणी के बाद इसे लेकर बयानबाजी तेज हो गई है और बाप नेता एवं सांसद राजकुमार रोत ने पलटवार करते हुए इसे आदिवासी समुदाय का अपमान करार दिया और आदिवासी समुदाय से अपना डीएनए जांच के लिए अपने खून, बाल एवं नाखून के सैंपल दिलावर को भेजने की अपील की है
इसके बाद रविवार को आदिवासी समाज के युवकों ने कोटा में दिलावर के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और उनके इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने अपना ब्लड सैंपल निकाला और डीएनए जांच कराने की मांग की। कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल ने दिलावर के बयान की निंदा की और उनके इस्तीफे की मांग की।
इससे पहले रोत ने दिलावर की टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी कर इसे आदिवासी समुदाय पर लांछन एवं अपमानित करने वाली भाषा बताते हुए कहा कि यह आदिवासी समुदाय के लिए चैलेंज है और यह भारतीय जनता पार्टी के लिए भारी पड़ेगा।
उन्होंने आदिवासी समुदाय से अपील की कि प्रत्येक घर से आदिवासी अपने खून, बाल और नाखून का सैंपल डीएनए जांच के लिए शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को भेजें।
उन्होंने कहा कि दिलावर को अपनी इस टिप्पणी पर माफी मांगनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस मामले में उनका निष्कासन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होने पर आदिवासी समुदाय देश भर में अभियान चलायेंगे और अपने खून, बाल एवं नाखून के सैंपल उन तक पहुंचाएंगे।
उल्लेखनीय है कि हाल में दिलावर ने मीडिया से बातचीत में बाप के नेताओं के खुद को हिंदू नहीं मानने के सवाल पर कहा था कि अगर बाप पार्टी के नेता खुद को हिंदू नहीं मानते हैं तो उनके डीएनए की जांच कराई जानी चाहिए।
सांसद मुरारी लाल मीणा ने भी दिलावर के आदिवासीयों के डीएनए टेस्ट करवाने वाले बयान की कड़ी निंदा की। मीणा ने कहा कि इस तरह का बयान आपसी भाईचारे के खिलाफ है और कहीं ना कहीं यह आरएसएस की भाषा है।