अजमेर। राजस्थान के अजमेर में सोमवार को इस्लाम धर्म के पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मोत्सव बारहवफात का धार्मिक जुलूस गाजे-बाजे के साथ निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में आशिकाना -ए- पैगम्बर मोहम्मद साहब ने हिस्सा लिया।
अजमेर में सूफी इंटरनेशनल की जानिब से जुलूस का आगाज ढ़ाई दिन के झोपड़े से शुरू हुआ, जो अंदरकोट, त्रिपोलिया गेट, कमानी गेट होता हुआ ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के मुख्य निजाम गेट पहुंचा, जहां खादिमों की संस्था अंजुमन की ओर से जुलूस का इस्तकबाल किया गया तथा आयोजन से जुड़े लोगों की दस्तारबंदी की गई।
जुलूस यहां से दरगाह बाजार, मोतीकटला, धानमंडी, दिल्ली गेट, गंज गुरुद्वारा, महावीर सर्किल फव्वारे होता हुआ ऋषि घाटी बाईपास कुतुब साहब के चिल्ले पहुंचा। रास्ते में जगह-जगह जुलूस का स्वागत किया गया एवं मुस्लिम समुदाय के लोगों से गले मिलकर उन्हें मुबारकबाद दी।
गंज थाने के नजदीक शिव मंदिर के बाहर राजस्थान पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने जुलूस की अगवानी कर स्वागत किया। अजमेर व्यापारिक एसोसिएशन तथा सर्वधर्म मैत्री संघ की ओर से भी जुलूस का स्वागत किया गया।
जश्न-ए-ईद मिलानुदबी का जुलूस अजमेर शरीफ में शानोशौकत के साथ शांतिपूर्ण तरीके से निकाला गया। परम्परागत तरीके से निकाले इस जुलूस में मोहम्मद साहब की शान में मिलाद पार्टियां कलाम पेश करते हुए चल रही थी। जुलूस में डीजे का उपयोग आयोजकों की ओर से ही प्रतिबंधित रहा, अलबत्ता सड़कों पर डीजे का शोर बढ़-चढ़कर हुआ। पर्यावरण सुरक्षित रखने के मकसद से आतिशबाजी से भी परहेज रखा गया। सफाई की अपील उस समय बेअसर रही जब जुलूस में चल रहे समाज को खाद्य पदार्थों का वितरण जगह-जगह हुआ।
जुलूस ऋषि घाटी स्थित चिल्ले के नीचे सम्पन्न हुआ। जहां सलातो सलाम पेश कर मुल्क में अमन, चैन, भाईचारे तथा खुशहाली की सामूहिक दुआ की गई। जुलूस के दौरान दरगाह से चिल्ले तक दिन भर मेले जैसा माहौल रहेगा। जुलूस में बड़ी संख्या में महिला-पुरुष, बच्चों और बुजुर्गों ने हिस्सा लिया। पूरे जुलूस में पुलिस की ओर से सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए थे। प्रशासन और पुलिस अधिकारी जुलूस पर नजर बनाए रहे।
इससे पहले पूरी रात दरगाह में सूफियाना कव्वालियों तथा इबादत का दौर चला। इस दौरान एवं आज सुबह तोप दाग कर ईद मिलादुन्बी का संदेश दिया गया। अजमेर जिले के किशनगढ़, दौराई, गगवाना, पीसांगन, सोमलपुर, तारागढ़ आदि स्थानों से भी जश्ने ईद मिलादुन्नबी मनाने के समाचार हैं।