सबगुरु न्यूज – सिरोही। भजन गायक प्रकाश माली पिछले दो-तीन दिनों से सिरोही में जबरदस्त ट्रोल किए जा रहे हैं। वजह है भजन के लिए दिए गए धार्मिक मंच को नेता की तरह इस्तेमाल करने के लिए।
सिरोही में कालका तालाब पर उनके राजनीति से प्रेरित बयानों की निंदा करते हुए सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है। भजन गायक प्रकाश माली की इस राजनीति प्रेरित बयानबाजी ने आयोजक के द्वारा सिरोही में पिछले करीब डेढ़ दशक के सबसे शानदार भजन गायकों को एक मंच पर लाने के प्रयास पर पानी फेर दिया।
कालका तालाब पर वीर भंवरसिंह राठौड़ के सालाना कार्यक्रम में आयोजक ने ख्यातनाम भजन गायकों को बुलवाया। इन्हें सुनने के लिए सिरोही कालका जी तालाब की पाल पर उमड़ पड़ा था। लोगों में इन भजन गायकों को लेकर इतना उत्साह था कि इनके आयोजन स्थल पर पहुंचने के लिए पर लोगो के मोबाइलों की फ्लैश लाइटें चमक गई। लेकिन, इतने नामचीन गायकों और सैंकड़ों लोगों की उपस्थिति ने स्थानीय भजन गायक प्रकाश माली को अपने हित साधने का माध्यम बना लिया। जिसकी वजह से वो ट्रोल हो गए।
– विधायक संयम लोढ़ा पर टिप्पणी
इस आयोजन में सिरोही के विधायक संयम लोढ़ा भी पहुंचे थे। उनके साथ उनसे प्रतिद्वंद्वता रखने वाले स्थानीय भाजपा के नवागंतुक नेता भी पहुंचे थे। इस धार्मिक आयोजन का राजनीतीकरण इन्हीं ने शुरू कर दिया। लोढ़ा पहले आ गए। वो आगे बैठ गए। भाजपा के उच्छशृंखल नेताओं को ये बात नागवार गुजरी। आगे बैठने की होड़ में वे महिलाओं के लिए निर्धारित स्थान पर जाकर बैठ गए। इस पर आयोजकों ने उन्हें उठाकर फिर से पुरुषों के लिए निर्धारित स्थान पर बैठने को कहा।
वहां कुछ लोगों को संयम लोढ़ा के पीछे बैठना पड़ा। कुछ होड़ा होड़ी में पीछे से गद्दे लाकर एक किनारे पर आगे बैठ गए। इन भाजपा नेताओं में कोई बड़ी उम्र का और कद्दावर नेता नहीं था। विधायक संयम लोढ़ा के जाने के बाद भजन गायक प्रकाश माली ने संयम लोढ़ा पर टिप्पणी करते हुए वहां बैठे लोगों से कहा कि संयम लोढ़ा जी हमारे बीच में थे अब वो जा चुके हैं, इसलिए भयग्रस्त होने की आवश्यकता नहीं है।
इतना ही नहीं अपने भजन गाते हुए उन्होंने कहा कि भगवान को गाली देकर चंदा देने वालों का देश बन गया है ये। तो ऐसा चंदा हमें चाहिए नहीं होता है। हमें तो भाव वाला चंदा चाहिए होता है, साहब तुम्हारे पैसे तुम्हारे पास में रखो। पहले तो भाव से हमारे साथ जुड़ जाओ उसके बाद सारी चीजें अच्छी हो जाएगी।
इसे लोगों ने हाल ही में विश्व हिन्दू परिषद के द्वारा रामनवमी के आयोजन के दौरान समिति के द्वारा संयम लोढ़ा के चंदा देने और उसे लौटाने पर कटाक्ष माना। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि संयम लोढ़ा के जाने के बाद भयग्रस्त नहीं होने की नसीहत देने वाले प्रकाश माली ने भी ये सबकुछ संयम लोढ़ा के जाने के बाद ही कहा। शायद उनकी मौजूदगी में वो भी ऐसा बोलने में भयग्रस्त महसूस कर रहे थे।
– दो लाख लेकर भजन गाने वाला दे रहा चंदे पर ज्ञान
प्रकाश माली का ये बयान भजन संध्या के दूसरे दिन दोपहर तक तो वायरल होने लगा। भजन गायक के इस बयान पर संयम लोढ़ा समर्थकों के साथ आम सिरोहीवासी भी भडक़ गए। व्हाट्स एप समूहों पर प्रकाश माली के धार्मिक आयोजन की शुचिता भंग करने पर लोग टिप्पणी करने लगे। किसी ने लिख कि दो लाख रुपए लेकर भजन गाने वाला भगवान से भावना की बात कर रहा है तो किसी ने लिखा कि पैसे लेकर भजन गाने वाला चंदे पर प्रवचन दे रहा है। कुछ लोगों ने तो प्रकाश माली के सिरोही से चुनाव लडऩे के कारण इस तरह धार्मिक अयोजन की शुचिता भंग करने का आरोप लगाया। कुछ और आगे बढक़र प्रकाश माली के इंस्टाग्राम अकाउंट पर पहुंच गए। वहां पर आरएसएस और भाजपा के नेताओं के चरण स्पर्श करते हुए के फोटो उठाकर वायरल कर दिए।
– उमड़ पड़ा था शहर
जिला मुख्यालय पर अर्से के बाद ऐसी भजन संध्या हुई जिसमें लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। बुधवार रात को जब ये भजन संध्या हुई थी तो कालका तालाब की पाल पर पांव रखने की जगह नहीं थी। इसमें गुजरात और महाराष्ट्र की मशहूर गायिकाएं आशा वैष्णव, किंजल दवे, फरीदा मीर के लिए लोगों का उत्साह देखने को ही बन रहा था। पिछले ड़ेढ़ दशक में एक ही मंच पर इतने सारे गायकों की भजन संध्या का आयोजन हुआ शायद ही जिला मुख्यालय पर हुआ हो।