अजमेर। पारंपरिक भारतीय नाटक परंपरा को भी पुनः मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से संस्कार भारती-जयपुर प्रांत भरत मुनि स्मृति दिवस (24 एवं 25 फरवरी 2024) के अवसर पर भरत मुनि के नाट्यशास्त्र पर दो दिवसीय नाट्य-गोष्ठी एवं कार्यशाला का आयोजन जयपुर में आयोजित करेगी।
संस्कार भारती के प्रांत सह मंहामंत्री बनवारी लाल चेजारा ने बताया कि वर्तमान में आधुनिक भारतीय नाटक में अधिकांश रचनाएं भरत मुनि की इस गौरवशाली परंपरा से हटकर हो रही हैं। जबकि पारंपरिक भारतीय नाटक सनातन धर्म से अत्यधिक प्रभावित है साथ ही भारतीय कलाकारों द्वारा विकसित किया गया था और यह ग्रीक और पश्चिमी प्रभाव की प्रतिकृति नहीं था। भारतीय नाटक के इतिहास में भरतमुनि को पितातुल्य माना जाता है। भरत का नाट्यशास्त्र पाठक को न केवल नाटक में क्या चित्रित किया जाना है इस बारे में मार्गदर्शन देता है वरन यह भी बताता है कि चित्रण को कैसे क्रियान्वित किया जाना है।
इस नाट्यगोष्ठी के अवसर पर पूर्व-रंग के रूप में ‘भरत मुनि नाट्य लेखन प्रतियोगिता’ का भी आयोजन किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता में नाट्य शास्त्र में उल्लेखित 10 रूपकों में से किसी भी एक प्रकार के रूपक का लेखन करने की यह प्रतियोगिता युवा नाटककारों के लिए एक स्वर्णिम अवसर है कि वह नाटक और भरतमुनि के सिद्धांतों के विषय में पढ़ें और रचनाएं तैयार करें। इसके प्रतिभागियों को 25 फरवरी को होने वाली नाट्य-गोष्ठी में पुरस्कृत भी किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए प्रतियोगिता समन्वयक संदीप लेले से 9414361338 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है।
भरत मुनि नाट्य लेखन प्रतियोगिता के नियम
1. इस प्रतियोगिता में वर्ष 18 से 50 वर्ष तक की आयु के राजस्थान के मूल निवासी ऐसे प्रतिभागी भाग ले सकते हैं।
2. प्रतियोगिता में उत्तम रचनाओं के लिए प्रथम 5100 द्वितीय 3100 व तृतीय 2100 एवं 1100 के दो प्रोत्साहन पुरस्कार दिए जाएंगे।
3. प्रविष्टियों का मूल्यांकन 50 अंकों के लिए निम्नानुसार किया जाएगा :
(i) कथा-वस्तु – 10 अंक (ii) पात्र और चरित्रचित्रण – 05 अंक
(iii) रंगमंचीयता – 05 अंक (iv) संवाद शिल्प – 10 अंक एवं
(v) भरत-मुनि के रचना सिद्धांतों का प्रयोग – 20 अंक
4. नाट्य-रचना हिन्दी भाषा में एवं न्यूनतम 10 पृष्ठों की होनी चाहिए। रचना A – 4 साईज के पृष्ठ पर एक ओर हाशिया छोडकर टाईप की गई हो तथा उसकी दो प्रतियां भेजी जाएं।
5. एक रचनाकार की अधिकतम दो प्रविष्टियां स्वीकार की जाएंगी। किन्तु पुरस्कार एक ही रचना को दिया जाएगा।
6. रचना पर ‘शीर्षक’ के अतिरिक्त, आवेदक से संबन्धित सूचनाएं केवल संलग्न प्रपत्र में प्रेषित की जाएं। जिससे इस हेतु दिए प्रपत्र को अलग कर कोडिंग करने के पश्चात उसे परीक्षकों के पास भेजा जाएगा ताकि निष्पक्ष निर्णय सुनिश्चित हो सके।
7. प्रविष्टियां, संयोजक-नाट्य लेखन प्रतियोगिता, C/o संदीप लेले, 182/118, प्रताप नगर, सांगानेर जयपुर- 302 033 पर डाक द्वारा प्रेषित की जाएं।
8. प्रत्येक प्रविष्टि के लिफाफे पर ‘भरतमुनि नाट्य लेखन प्रतियोगिता हेतु प्रविष्टि’ एवं प्रेषक का नाम-पता-दूरभाष नंबर लिखा होना आवशयक है।
9. नाट्य लेखन प्रविष्टि प्रेषित करने हेतु अंतिम तिथि 15.01.2024 है।
10. नाट्य लेखन प्रतियोगिता का निर्णय दिनांक 31.01.2024 तक जारी कर दिया जाएगा।
11. निर्णायक मण्डल का निर्णय अंतिम होगा एवं इस निर्णय के संबंध में कोई पत्राचार या वार्तालाप स्वीकार नहीं होगा। केवल प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त प्रतिभागियों को निर्णय के संबंध में पत्राचार द्वारा सूचित किया जाएगा।
12. इनमें से एक या अधिक रचनाओं का मंचन 25 फरवरी को कार्यशाला के समापन पर किया जाएगा। इस हेतु आयोजन समिति को प्राप्त रचनाओं के चयन व मंचन का पूर्ण अधिकार होगा।