खाने के तेल पर आयात शुल्क बढ़ाने का भारतीय किसान संघ ने किया स्वागत

अजमेर। देश में किसानों के सबसे बड़े संगठन भारतीय किसान संघ ने सरकार के कच्चे सोयाबीन तेल, पाम तेल व कच्चे सूरजमुखी तेल पर आयात सीमा शुल्क को शून्य प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने के निर्णय का स्वागत किया है।

किसान संघ के अखिल भारतीय की ओर से जारी बयान में कहा कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक में सोयाबीन के कम दाम को लेकर भारतीय किसान संघ के कार्यकर्त्ता आंदोलन कर रहे हैं। पिछले दिनों राजस्थान के झालावाड़ और कोटा जिले के रामगंजमंडी में सोयाबीन के मूल्य को लेकर प्रदर्शन हुए थे।

सोयाबीन उत्पादक किसानों को बाजार में मिल रहे कम मूल्य को लेकर किसान संघ के प्रतिनिधि मंडल ने विगत मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी। जिसमें तिलहन में खाने के तेल पर आयात नीति में संशोधन कर सीमा शुल्क बढ़ाने की मांग का ज्ञापन पत्र दिया था। जिसे सरकार ने माना है।

केंद्र सरकार के सोयाबीन उत्पादक किसानों के पक्ष में लिए इस किसान हितैषी निर्णय का भारतीय किसान संघ स्वागत करता है। किसान संघ ने सरकार से तिलहन व दलहन में आत्मनिर्भरता की दृष्टि से किसान हित में दीर्घकालीन आयात निर्यात नीति बनाने की मांग रखी है। जिससे किसान उत्पादन बढ़ाने की दिशा में प्रेरित होगा। प्रतिनिधि मंडल ने कृषि मंत्री से कृषि लागत कम करने की दिशा में भी कार्य योजना व नीतियां बनाने की बात रखी।

कृषि आदान सामग्री पर जीएसटी खत्म कर कृषि लागत कम करने की दृष्टि से सुझाव रखा। इसके साथ ही किसान संघ ने फसल बीमा, जीएम बीज, कृषि अनुसंधान का बजट बढ़ाने, किसान सम्मान निधि मे बढ़ोतरी, हल्दी बोर्ड बनाने, कृषक उत्पादक समूह को सबल, गौ आधारित कृषि को बढ़ावा देने, किसान हितैशी बीज कानून बनाने की मांग भी रखी।

ज्ञात हो कि देश के प्रमुख तेल उत्पादक राज्यों में मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक में किसान संघ के कार्यकर्ता सोयाबीन के दाम 6000 रूपए प्रति क्विंटल करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इसके साथ ही सरकार ने महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश में सोयाबीन उत्पादक किसानों की बाजार में कम मूल्य की समस्या को लेकर एमएसपी पर सोयाबीन खरीदने की घोषणा की है। जिसे सरकार का अच्छा कदम बताया जा रहा है। खाने के तेल में आयात शुल्क में 20 प्रतिशत वृद्धि करने के सरकार के फैसले को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। आयात शुल्क में वृद्धि से बाजार में सोयाबीन के दामों में उछाल आने की संभावना है।