राष्ट्रीय कार्यसमिति की पुणे महाराष्ट्र बैठक में लिए निर्णय
अजमेर। सिन्धु सभा इस वर्ष सदस्यता अभियान के साथ सेवा कार्य के लिए सहयोग करेगी। जरूरतमन्द विद्यार्थियों व परिवारों से मिलकर स्वरोजगार के लिए उन्हें प्रेरित कर स्वावलंबी बनाना है। यह विचार भारतीय सिन्धु सभा की केन्द्रीय कार्यसमिति की पुणे महाराष्ट्र में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष भगतराम छाबडा ने प्रकट किए।
छाबडा ने कहा कि हमें सिन्धु दर्षन तीर्थयात्रा के लिए पूर्ण तैयारियां कर सभी को जोडना है व राज्यों में भी प्रवास करना है। संगठन के कार्यक्रमों में युवा व मातृशक्ति की भी सहभागिता रखनी है। सदस्यता पूर्ण कर ईकाईयों का गठन किया जाए व कार्यकारिणी पूर्ण करें।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि केन्द्रीय पदाधिकारियों का प्रदेश में निरंतर प्रवास हो रहा है और युवा पीढी को देशभक्ति के कार्यक्रमों से जुडाव व उच्च शिक्षा के लिए काउंसलिंग कर प्रेरित किया जा रहा है। सामाजिक कुरीतियों की रोकथाम, सनातन संस्कारों का ज्ञान के कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं।
प्रदेषाध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी ने बताया कि सभा के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों व युवाओं को जोडा गया है जिसमें बाल संस्कार शिविर, सिन्धी भाषा के डिप्लोमा व सर्टीफिकेट कोर्स अधिक सफल हुए हैं। प्रदेश की ओर से 2 व 3 मार्च को महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन के आशीर्वाद से हरीशे सनातन उदासीन आश्रम भीलवाडा में राज्य स्तरीय महिला सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
राष्ट्रीय महामंत्री राजेश वाधवाणी ने संगठन की देषभर में गतिविधियों के साथ राम मन्दिर लोकापर्ण पर किए गए धार्मिक कार्यक्रमों की जानकारी दी। वाधवाणी ने सभा की ओर प्रधानमंत्री का लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने पर आभार प्रकट किया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला विनीता भावनाणी व राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा निखिल मीठिया ने ईकाईयों की ओर से किए गए संगठनात्मक कार्यों की विस्तृत चर्चा कर आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी। सिन्धु दर्षन तीर्थयात्रा पर सुरेन्द्र लछवाणी व मुकेशष लखवाणी ने रखते हुए तीर्थयात्रियों की सुविधा व धार्मिक आयोजनों, भ्रमण ने विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में डॉ. मायाबेन कोडनाणी, सुरेश हेमनाणी, दिलीप पबरेजा, अशोक अगनाणी, अशोक मोहनाणी, मुरलीधर माखीजा, चेतन तारवाणी सहित अलग अलग पदाधिकारियों ने विचार प्रकट किए। बैठक का शुभारंभ आराध्यदेव झूलेलाल, सिन्ध व हेमू कालाणी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया गया।