अमृत स्टेशन योजना : बिजयनगर स्टेशन का हो रहा काया पलट

अजमेर/बिजयनगर। रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में बढोतरी करने व स्टेशनों की बिल्डिंग को नया स्वरूप प्रदान करने की अमृत स्टेशन योजना के तहत स्टेशनों का पुनर्विकास कार्य किया जा रहा है।

उत्तर पश्चिम रेलवे पर अजमेर मण्डल के बिजयनगर स्टेशन सहित 77 स्टेशनों का लगभग 4800 करोड़ रुपए की लागत से अमृत स्टेशन योजना के अन्तर्गत पुनर्विकास किया जा रहा है। इन स्टेशनों के पुनर्विकास में स्थानीय कला को ध्यान मे रखकर आधुनिकता का समावेश किया जा रहा है।

यात्रियों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए आगमन और प्रस्थान का अलग-अलग प्रावधान किया जा रहा है। यात्रियों की सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए यहाँ पर आवश्यकता अनुसार लिफ्ट, एस्केलेटर, एग्जीक्यूटिव लांउज, वेटिंग रूम, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, कैफेटेरिया, पर्याप्त पार्किंग सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।

अमृत स्टेशन पुनर्विकास योजना से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, लोगों को आने जाने मे सुविधा होगी, स्वच्छ, आधुनिक रेलवे स्टेशनों से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र का आर्थिक व सामाजिक विकास होगा।

उत्तर पश्चिम रेलवे पर अजमेर मण्डल में बिजयनगर सहित 18 स्टेशनों का 1374 करोड़ रुपए से पुनर्विकास कार्य किया जा रहा है। जिनमें सोजत रोड, मावली, राणाप्रताप नगर, पिंडवाड़ा, डूंगरपुर, मारवाड़ जंक्शन, फालना, कपासन, भीलवाड़ा, ब्यावर, सोमेसर, रानी, जंवाई बांध, फतेहनगर, आबू रोड़, अजमेर और उदयपुर सिटी स्टेशन शामिल है। अमृत स्टेशन योजना के तहत बिजयनगर स्टेशन पर 15.40 करोड़ रुपए से पुनर्विकास के कार्य अंतिम चरण मे है।

बिजयनगर स्टेशन पर विकसित की जा रही सुविधाएं

(1) नए स्टेशन भवन का निर्माण
(2) अलग प्रवेश और निकास द्वार के साथ सर्कुलेटिंग एरिया का विकास
(3) ऑटो, दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए अलग पार्किंग।
(4) यात्रियों को उतारने और चढ़ाने के लिए पोर्च का प्रावधान।
(5) प्रवेश हॉल का प्रावधान
(6) पुरुषों और महिलाओं के लिए बेहतर अलग प्रतीक्षा कक्षों का प्रावधान
(7) 2 लिफ्ट का प्रावधान
(8) स्टेशन भवन के अग्रभाग का सुधार।
(9) नए प्लेटफार्म शेल्टर का प्रावधान।
(10) दिव्यांगजनों के लिए सुविधाओं के साथ नए शौचालय ब्लॉक और पानी के बूथ का प्रावधान।
(11) बेहतर साइनेज का प्रावधान।
(12) प्लेटफार्म पर कोच इंडिकेशन बोर्ड का प्रावधान।
(13) बेहतर फर्नीचर का प्रावधान।
(14) 12 मीटर चौड़े एफओबी का प्रावधान।

स्टेशन का इतिहास

बिजयनगर रेलवे स्टेशन, जिसे इसके स्टेशन कोड BJNR से पहचाना जाता है, बिजयनगर शहर में स्थित है, जो उत्तर पश्चिमी राजस्थान के अजमेर जिले में अरावली पर्वतमाला के बीच बसा है। यह शहर जिले के प्रशासनिक केंद्र अजमेर से लगभग 50 किलोमीटर दूर है। पर्यटक प्रज्ञा कॉलेज में स्थित श्री पन्ना गुरु ध्यान साधना केंद्र में भ्रमण हेतु आते है । इसके अतिरिक्त, बिजयनगर और इसके आसपास के क्षेत्र में स्थानीय मंदिर, पार्क और बाजार सहित कई आकर्षण हैं, जो शहर के दैनिक जीवन और संस्कृति की जानकारी देते हैं। कुछ उल्लेखनीय स्थलों में बालाजी मंदिर (सब्जी मंडी), चमत्कारी हनुमान मंदिर (स्टेशन वाले बालाजी), दिगंबर जैन मंदिर (सथाना बाजार), श्वेतांबर जैन मंदिर (महावीर बाजार), शिव जी की छतरी (केकरी रोड, राजनगर) और श्री देव नारायण मंदिर (पोखरना फैक्ट्री के पास) शामिल हैं।

अमृत स्टेशन योजना के तहत बिजयनगर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास

बिजयनगर रेलवे स्टेशन (BJNR) भारतीय रेलवे के उत्तर पश्चिम रेलवे ज़ोन के अजमेर मण्डल में रेलवे स्टेशन के रूप में महत्वपूर्ण महत्व रखता है। इसकी दिल्ली, मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, कोलकाता, हैदराबाद, भोपाल, इंदौर, जम्मू, हरिद्वार, ऋषिकेश जैसे प्रमुख शहरों से सीधी रेल कनेक्टिविटी है। निकटतम हवाई अड्डा किशनगढ़ हवाई अड्डा है जो लगभग 100 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन को NSG-05 स्टेशन श्रेणी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। बिजयनगर की एक उल्लेखनीय ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है, जो अजमेर की पूर्व रियासत का हिस्सा रहा है। बिजयनगर 6 लेन एक्सप्रेस-वे से जुड़ा हुआ है जो भारत के प्रमुख शहरों को जोड़ता है।

स्टेशन भवन की विशेषताएं

स्टेशन डिजाइन स्थानीय विरासत प्रतिबिंबित करती है : राजस्थानी वास्तुकला की विशेषताओं जैसे मेहराब, जाली, स्पैन्ड्रेल, कोटा स्टोन आदि को शामिल करना।
आसपास के परिदृश्य और सांस्कृतिक पहचान के साथ सामंजस्य बनाए रखने के लिए बलुआ पत्थर, धौलपुर पत्थर जैसी स्थानीय सामग्रियों का उपयोग किया गया है ।
भवन मे ऊर्जा-कुशल कूलिंग, छायादार शेड
पारंपरिक आकर्षण के साथ आधुनिक सुविधाएं
अपनाई गई कार्यप्रणाली इस प्रकार है: धौलपुर स्टोन – बाहरी आवरण, स्तंभ, छतरी, मेहराब स्पैन्ड्रेल आदि, जोधपुर पिंक स्टोन – पत्थर की रेलिंग, छतरी, प्लिंथ एज प्रोफाइल, पैरापेट पैनलिंग आदि और रेड सैंड स्टोन – प्लिंथ, पट्टी प्रोफाइल, कपोला, हैंगिंग छज्जा और ब्रैकेट (टोडी), कॉलम आदि।
मुख्य हॉल, सीढ़ी और राइजर, टिकटिंग विंडो और सर्विंग एरिया काउंटर टॉप आदि पर ग्रेनाइट स्टोन। बरामदा , ड्रॉप ऑफ, पोर्च, प्रशासनिक कार्यालय, प्लेटफॉर्म, वेटिंग हॉल मेकोटा स्टोन, शौचालय की सतह और डेड दीवारों, कार्यालयों, रिजर्व लाउंज, खुदरा दुकानों के लिए फर्श टाइल्स |

चुनौतियां दूर की गईं

पुराने स्टेशन भवन में सौंदर्य की कमी थी और उचित स्थान उपयोग की कमी थी, जिसे पूरे स्टेशन भवन के जीर्णोद्धार द्वारा सुधारा गया है। अब स्टेशन भवन अधिक विशाल और यात्री अनुकूल है। पूर्व मे सर्कुलेटिंग एरिया में वाहनों की आवाजाही के लिए सिंगल एंट्री और एग्जिट की व्यवस्था नहीं थी, लेकिन सर्कुलेटिंग एरिया के नियोजित विकास, अलग एंट्री/एग्जिट और पार्किंग स्पेस में वृद्धि के माध्यम से इसमें सुधार किया गया है। इससे सर्कुलेटिंग एरिया में वाहनों की आवाजाही में आसानी होगी और वाहनों का सही तरीके से आवागमन हो सकेगा। स्टेशन प्लेटफॉर्म की सतह को ऊपर उठाया गया है और दिव्यांगजनों के लिए स्पर्शनीय चिह्नों के साथ सुधारा गया है तथा प्लेटफॉर्म पर प्रतीक्षा करने वाले यात्रियों के लिए अतिरिक्त प्लेटफॉर्म शेल्टर प्रदान किए गए है, जो गर्मी और बरसात के मौसम में यात्रियों को सुविधा प्रदान करेंगे। नए विशाल प्रतीक्षालय/हॉल का निर्माण किया जा रहा है, जो यात्रियों को आरामदायक प्रतीक्षा स्थान प्रदान करेगा। बुकिंग सुविधा के साथ नए कॉनकोर्स का निर्माण किया गया है। उपयोगकर्ताओं को स्वच्छ और आरामदायक अनुभव प्रदान करने के लिए आधुनिक शौचालयों का निर्माण किया जा रहा हैl

कार्य की वर्तमान स्थिति

बिजयनगर रेलवे स्टेशन पर पुनर्विकास कार्य तेजी से किया जा रहा है, जिसके मई 2025 तक पूरा होने की संभावना है। पुनर्विकास कार्य पूरा होने के बाद स्टेशन आधुनिकता और दक्षता का प्रतीक बन जाएगा, जो रेलवे के बुनियादी ढांचे और यात्री सुविधाओं में नए मानक स्थापित करेगा, साथ ही क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित करेगा।
मुख्य भवन: निर्माण कार्य पूरा हो गया है।
नई इमारत में बुकिंग शुरू हो गई है।
प्लेटफॉर्म को ऊपर उठाना और प्लेटफॉर्म शेल्टर का काम पूरा हो गया है।
सर्कुलेटिंग एरिया का विकास कार्य पूर्ण हो गया है।
पाथ वे और 12 मीटर चौड़े एफओबी का काम प्रगति पर है।