सिरोही। नगर परिषद के पार्षदों, सिरोही के बुजुर्गों और आम आदमी के साथ सिरोही नगर परिषद आयुक्त की कथित बदजुबानी और दुर्व्यवहार को कथित रूप से शिकायत के बाद भी संज्ञान में नहीं लेना खुद सिरोही विधायक संयम लोढ़ा की फजीहत का कारण बन गया है।
शहीद दिवस पर कथित रूप से तिरंगे को कचरा वाहन में ले जाने के प्रकाशित समाचार में कार्यवाहक आयुक्त द्वारा दिया बेसिरपैर का बयान विधायक संयम लोढ़ा और सभापति मनु मेवाड़ा के द्वारा संभाले मामले को तुल पकड़वा दिया है। तिरंगे के कथित अपमान को लेकर आयुक्त द्वारा तिरंगे को कचरा पात्र में ले जाने के संबंध में जो बयान दिया उसे भाजपा ने तिरंगे का अपमान बताया है।
नेता प्रतिपक्ष मगन मीणा समेत सिरोही नगर परिषद के भाजपा पार्षदों और भाजपा के सिरोही नगर के पदाधिकारियों ने आयुक्त के बयान और तिरंगे को कथित रूप से कचरा पात्र में ढोने पर आक्रोश जताया है। इसे लेकर नगर परिषद में विधायक संयम लोढ़ा, सभापति महेन्द्र मेवाड़ा और आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी की गई। सभापति के चैम्बर में जाकर मिलने के दौरान भाजपाइयों ने सभापति ने समाचार पत्र में प्रकाशित फोटो और बयान के आधार पर आयुक्त को निलम्बित करने की मांग की।
इधर, आयुक्त ने उनके कमरे में पहुंचे भाजपा जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों से कहा कि जिस वाहन में तिरंगे लेकर गए थे वो कचरा वाहन नहीं होकर गौसेवा वाहन है। इसमें शहर में गायों के लिए भोजन एकत्रित करने का काम किया जाता है। सभापति ने कहा फिर भी उनकी मांग पर वे इसकी जांच करवाकर आवश्यक कार्रवाई करवाएंगे। इसके बाद भाजपा जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी निकले।
इस बीच नगर परिषद में नेता प्रतिपक्ष मगन मीणा ने आरोप लगाया कि नगर परिषद में किसी सभापति और पार्षद की नहीं चलती है। उनका आरोप है कि नगर परिषद सिरोही को एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रतिनिधि दशरथसिंह नरूका चला रहे हैं। शहीद स्मारक के कार्यक्रम में भी उनकी बजाय दशरथ नरूका की ही चलाई गई।
इधर, दशरथसिंह नरूका ने सबगुरु न्यूज को बताया कि नगर परिषद में उनके हस्तक्षेप की बात बचकानी है। रही बात प्रशासन, सिरोही नगर परिषद समेत सिरोही हित में होने वाले हर काम में वो बढ़चढकर भूमिका निभाएंगे। उन्होंने भाजपा के पूछा कि ये कार्यक्रम शहीदों की याद में था तो भाजपा ने मशाल जुलूस और तिरंगा यात्रा का अपमान करते हुए उसका बहिष्कार क्यों किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि वो भाजपा संवेदनशीलता की बात नहीं करे जो आरएसएस और जनसंघ के वरिष्ठ पदाधिकारी के अंतिम संस्कार के समय पर हल्दी की गोठ में मौज कर रही थी।
प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष मगन मीणा के साथ पार्षद सुरेश सगरवंशी, मणिबेन, अरूण ओझा, गीता पुरोहित, गोपाल माली, गोविंद माली, भाजपा जिला उपाध्यक्ष नारायण देवासी, नगर मंडल अध्यक्ष लोकेश खण्डेलवाल, युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष हेमंत पुरोहित, युवा मोर्चा के पदाधिकारी दीपेंद्रसिंह पीथापुरा, नगर मंडल के पूर्व अध्यक्ष महिपाल चारण, अजय भट्ट, मांगूसिंह, बाबूसिंह, जब्बरसिंह आइि शामिल थे।
विजय पटेल, प्रवीण राठौड़, मीडिया प्रभारी चिराग रावल, भाजयुमो नगर अध्यक्ष रिक्षितसिंह कोटेशा, ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष कपूर पटेल, किसान मोर्चा अध्यक्ष ललित प्रजापत, सुनील गुप्ता, जितेंद्र खत्री, भवर माली, रणछोड़ पुरोहित, अनिल प्रजापत, हरिकिशन रावल आदि भी मौजूद थे।
नेता प्रतिपक्ष अपने शेर को करने चले ढेर
जिन आयुक्त को नेता प्रतिपक्ष मगन मीणा नगर परिषद की सामान्य बैठक में शेर बताकर प्रोत्साहित किए थे उन्हीं के खिलाफ आज मोर्चा खोलकर बैठे हैं। दरअसल, नगर परिषद में कार्यवाहक आयुक्त अनिल झिंगोनिया के द्वारा कांग्रेस पार्षदों को तवज्जो नहीं दिए जाने को लेकर उंस समय बहुत खुश थे। अब यही आरोप लगा रहे हैं कि ये आयुक्त नगर परिषद पार्षदों को नहीं पूछ रहे हैं।
कितने संवेदनशील कार्यवाहक आयुक्त
विधायक संयम लोढ़ा के अपने कार्यकाल में सचिव पद पर नियुक्त व्यक्ति को कलेक्टर के माध्यम से आयुक्त का चार्ज दिलवाना शहर में खुद उनकी जनता के प्रति जवाबदेही के संकल्प और दावे को उजागर कर रहा है। जबकि आम आदमी और जनप्रतिनिधियों के साथ इनके दुव्र्यवहार के चर्चे पिण्डवाड़ा और आबूरोड नगर पालिकाओं में कुख्यात है।
ये जानते हुए कि उनका कोई भी काम सिरोही शहर में संयम लोढ़ा के काम के प्रतिबिम्बित करेगा, फिर भी समाचार पत्र में गैर जिम्मेदाराना बयान जारी किया। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि आयुक्त पद पर रहते हुए जिस अधिकारी को ये ध्यान नहीं कि मशाल जुलूस में परिवहन के लिए कचरा वाहन उपयोग में लिया गया था या गोसेवा वाहन वो कितना मल्टीटास्किंग है ये संदेश समाचार पत्र में प्रकाशित बयान से ही लग रहा है।