जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. रक्षा भंडारी ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर प्रदेश में अपराधों पर अंकुश नहीं लगा पाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जिस तरह राज्य में हत्या और दुष्कर्म के मामलों में हर दिन बढोतरी हो रही है, उससे लगता है कि प्रदेश के मुखिया जननायक नहीं, खलनायक हैं।
डा भंडारी ने रविवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजस्थान में प्रतिदिन होने वाले दुष्कर्म के मामले इस कदर बढ रहे हैं कि एनसीआर का आंकड़ा भी अब याद नहीं है। अखबार खोलते ही कोई ना कोई घटना सामने होती है जो अत्यंत हृदय विदारक होती है। प्रदेश में अपराधी बेखौफ होकर अपराध कर रहे हैं, उनमें प्रशासन और सरकार का भय नहीं है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने बयान में कहते हैं कि हम मोहब्बत की दुकान खोलने आए हैं वहीं राजस्थान में हत्या और दुष्कर्म के मामलों में हर दिन बढोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग गहलोत को जननायक कहते हैं लेकिन इन घटनाओं से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के मुखिया जननायक हैं, या खलनायक हैं।
डॉ. भंडारी ने पिछले तीन दिनों में सामने आई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि गत 10 अगस्त को हनुमानगढ़ में हत्या, बूंदी के लाखेरी में युवक की हत्या, मेहंदीपुर बालाजी में व्यापारी की हत्या जैसलमेर के ढाबे पर खाना नहीं बनने पर कुक की हत्या और बीकानेर में चाकू से गला काटकर युवक की हत्या का मामला सामने आया है। इसी तरह एक बालिका की दुष्कर्म के बाद हत्या और शव कुंए में फेंक देने का मामला सामने आया।
इसी तरह उन्होंने 11 एवं 12 अगस्त को प्रदेश में हुई आपराधिक घटनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जो प्रदेश क गृहमंत्री भी है को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
भाजपा की राष्ट्रीय सचिव डॉ. अल्का गुर्जर ने भी प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल गांधी मानगढ आए और अपने मुख्यमंत्री की पीठ थपथपा कर चले गए, उन्होंने सलूंबर, कोटडी और खाजूवाला की दुष्कर्म पीड़िताओं के घर जाने का साहस नहीं दिखाया। बीते दिनों अलवर में मूक बधिर बालिका से दुष्कर्म की घटना के बाद कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी रणथम्भौर घूमने तो आई लेकिन अलवर पीड़िता के घर जाकर संवेदना जताने तक नहीं गई। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में दुष्कर्म के अपराधों की फेहरिस्त बढती जा रही है। लेकिन सरकार मौन है।