जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा द्वारा फोन टेप और पेपर लीक मामले में खुलासा करने के बाद कांग्रेस नेताओं के मुंह पर ताला लग गया हैं।
भारद्वाज ने गुरुवार को अपने बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा किस मुंह से पेपर लीक पर बोलते हैं, पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय 19 बार पेपर लीक हुए। इस सारे घटनाक्रम पर अब तो गहलोत के ओएसडी रहे शर्मा ने ही कांग्रेस के भ्रष्टाचार को परत दर परत खोल दिया है। शर्मा ने कांग्रेस नेताओं के फोन टेप वाले ऑडियो क्लिप पैन ड्राईव और लेटर सहित मीडिया को सौंपे हैं। उन्होंने कहा कि जब से गहलोत सरकार के खिलाफ यह खुलासा हुआ है कांग्रेस के नेताओं के मुंह पर ताला क्यों लगा है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में पिछले पांच सालों तक भ्रष्टाचार का जो तांडव था उसकी पोल अब उनके ही लोग खोलने लगे हैं। प्रदेश की जनता उन दिनों को नहीं भूली जब पेपर लीक से प्रदेश के 70 लाख युवाओं के सपनों से खिलवाड़ किया गया और जब इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई तो युवाओं पर लाठियां बरसाई गई। वहीं पेपर लीक मामले में डीपी जारोली का नाम आने के बाद उन्हे बर्खास्त किया जाता है और फिर गहलोत के कहने पर एसओजी जारोली को क्लिन चिट देती है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि गहलोत और उनके मंत्रियों ने खुले में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर बेचे और जब जांच की बात आई तो एसओजी पर दबाव बनाकर अपने नेताओं को बचाया गया। गोपाल केसावत नगर पालिका में कार्यकारी अधिकारी भर्ती परीक्षा के नाम पर लाखों की रिश्वत मांगते पकड़ा जाता है। गोपाल केसावत की गिरफ्तारी के बाद जब चार्जशीट पेश होती है तो गहलोत के कहने पर चार्जशीट से भ्रष्टाचार की धाराएं हटा दी जाती है, इससे स्पष्ट है कि सरकार खुद भ्रष्टाचार में लिप्त थी।
भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदेश की जनता को गारंटी दी थी कि भाजपा सरकार बनने के बाद पेपर लीक के आरोपी बख्शे नहीं जाएंगे। सरकार बनने के बाद महज तीन महीने में प्रदेश की डबल इंजन सरकार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में पेपर लीक के आरोपियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई कर रही है। अभी तक एसओजी ने पेपर लीक के 87 आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम किया है।