भाजपा नेता का आरोप, अधिकारी बोले, ‘नौकरी नहीं व्यापार करने आया हूं ‘

सबगुरु न्यूज-आबूरोड। पार्टी विथ डिफरेंस के दावे करने वाली भाजपा के एक राजस्थान में सत्ता संभालते ही पहले ही साल में जो भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे हैं, वो पार्टी और सरकार दोनों की साख गिरा रहे हैं।

माउण्ट आबू में भाजपा का नेता ये कहते हुए दुखी होता दिखा कि कांग्रेस के सत्तर साल के शासन में इतना भ्रष्टाचार देखने को नहीं मिला जितना अब देखने को मिल रहा है। वहीं आबूरोड के भाजपा नेता ने एक अधिकारी पर ये आरोप लगाया कि उन्होंने कहा कि वो नौकरी करने नहीं व्यापार करने आबूरोड आए हैं।

इन हालातों में भजनलाल सरकार के इंवेस्टमेंट समिट होंगे फेल!

आबूरोड में बुधवार को सिरोही जिले का इंवेस्टमेंट समिट था। इसी समिट के दौरान भाजपा के नेता स्वयं उपाध्याय ने पंचायतराज राज्य मंत्री ओटाराम देवासी को ये सब बताया। उन्होंने बताया कि उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण विभाग में एक व्यापारी की पत्रावली कंसेंट टू एस्टेबलिशमेंट के लिए अप्लाई की। उन्होंने शुरू में आश्वासन दिया कि काम हो जाएगा। इसके लिए उन्होंने लगातार प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों से संपर्क साधे रखा।

किसी न किसी बहाने से वो इसे टालते रहे। लेकिन, पिछले सप्ताह ऑफिस टाइम खत्म होने के बाद रात करीब नौ बजे एक कम्प्लायंस भिजवा दी कि पत्रावली में रीको का सहमति पत्र नहीं है। उपाध्याय ने दावा किया कि कंसेंट टू एस्टेब्लिशमेंट के लिए आज तक प्रदूषण नियंत्रण विभाग के किसी अधिकारी ने रीको की सहमति पत्र की आवश्यकता नहीं जताई। उपाध्याय ने मंत्री के सामने अधिकारी पर आरोप लगाते हुए बताया कि ये अधिकारी ये भी कहते हैं कि वो नौकरी नहीं व्यापार करने यहां आए हैं, उन्हें व्यापार चाहिए।

नहीं उठा सकते लोन राशि

भाजपा नेता स्वयं उपाध्याय की शिकायत के समय जिला कलेक्टर आल्पा चौधरी भी मौजूद थीं। उपाध्याय ने उन्हें बताया कि अधिकारी किस तरह के ग्रास रूट लेवल पर काम कर रहे हैं। जिला कलेक्टर ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी और आपने संज्ञान में लाकर बेहतर काम किया है।

उपाध्याय ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कंसेंट टू एस्टेब्लिशमेंट जारी नहीं करने से बैंक लोन के लिए जारी की गई राशि व्यापारी को लेने नहीं देती। ऐसे में बैंक द्वारा स्वीकृत लोन का ब्याज शुरू हो जाता है और व्यापारी उस राशि का उपयोग भी नहीं कर पाता है। उन्होंने कहा कि इसी कारण प्रदूषण नियंत्रण विभाग इसे अटका रहा है।