मुंबई। बम्बई हाईकोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की वरिष्ठ अधिकारी रश्मी शुक्ला के खिलाफ दो प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को रद्द कर दिया क्योंकि सरकार ने महाराष्ट्र के राजनेताओं के कथित फोन टैपिंग के आरोप में मुंबई पुलिस को उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
पहली एफआईआर मुंबई के मरीन ड्राइव थाना में शुक्ला के खिलाफ कथित तौर पर शिवसेना नेता संजय राउत और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता एकनाथ खडसे के फोन टैप करने के आरोप में दर्ज की गई थी। दूसरी पुणे शहर पुलिस ने पिछली भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार के कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले का फोन टैप करने के आरोप में दर्ज की गई थी।
राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले महाधिवक्ता डा. बीरेंद्र सराफ ने अदालत को सूचित किया कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत शुक्ला के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मुंबई पुलिस को मंजूरी नहीं दी गई थी।
उन्होंने यह भी बताया कि पुणे शहर पुलिस ने जनवरी 2023 में पुणे एफआईआर में पहले ही क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी थी और शिकायतकर्ता द्वारा कोई विरोध याचिका दायर नहीं की गई थी। इन दलीलों के मद्देनजर अदालत ने शुक्ला के खिलाफ दोनों एफआईआर को रद्द करना उचित समझा।