हजारों लोगों ने दादी रतनमोहिनी को नम आंखों से दी विदाई, पंचतत्व में विलीन

माउंटआबू (सिरोही)। महिला शक्ति संगठन ब्रह्माकुमारीज़ की प्रमुख राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी की पार्थिव देह गुरुवार को सुबह 10 बजे पंचतत्व में विलीन हो गईं। इस अवसर पर हजारों लोगों ने नम आंखों से दादी काे अंतिम विदाई दी।

राजस्थान में आबू रोड में ब्रह्मकुमारीज के मुख्यालय शांतिवन के दादी निवास के सामने गार्डन में उनका अंतिम संस्कार किया गया। अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका मोहिनी दीदी, संयुक्त मुख्य प्रशासिका मुन्नी दीदी, संतोष दीदी, अतिरिक्त महासचिव करुणा भाई, अतिरिक्त महासचिव डॉ. मृत्युंजय और दादी की निजी सचिव लीला दीदी सहित वरिष्ठ अन्य भाई-बहनों ने मुखाग्नि दी। इसके पहले हजारों लोगों ने ऊं ध्वनि की और ओम शांति मंत्र का उच्चारण करके एवं मौन रहकर श्रद्धासुमन अर्पित किए।

गौरतलब है कि 101 वर्षीय दादी रतनमोहिनी ने आठ अप्रैल को रात्रि एक बजकर 20 मिनट पर अहमदाबाद के जॉइडिस हॉस्पिटल में दादी ने अंतिम सांस ली थी। उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए शांतिवन के सभागार में रखा गया था। बुधवार को माउंट आबू के लिए बैकुंठी यात्रा निकाली गई।

रतनमोहिनी जब मात्र 34 वर्ष की थीं तो उन्होंने जापान में आयोजित विश्व शांति सम्मेलन में दादी प्रकाशमणि के साथ ब्रह्माकुमारीज़ का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने सम्मेलन में अपना उद्बोधन देना शुरू किया और भारतीय संस्कृति की महिमा बताई तो चारों ओर सन्नाटा छा गया।

इतनी कम उम्र में आध्यात्मिक गहराई की बातें सुनकर वहां मौजूद विद्वान अचंभित रह गए। रतनमोहिनी 26 वर्ष की युवावस्था में पहली बार ब्रह्मा बाबा के साथ माउंट आबू आईं थीं। युवाओं की दादी के नाम प्रसिद्ध उन्होंने पूरे जीवन में लाखों युवाओं को नशामुक्त करके जीवन में नई राह दिखाई।