जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए बजट को दिशाहीन बताते हुए कहा है कि इससे राजस्थान को केवल निराशा हाथ लगी है।
गहलोत मंगलवार को केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में यह बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसा लगा कि राजनैतिक कारणों से केन्द्र सरकार ने केवल आंध्र प्रदेश एवं बिहार को ही पूरे देश का बजट सौंप दिया हो।
उन्होंने कहा कि भौगोलिक एवं सामाजिक रूप से हमारे राजस्थान को विशेष पैकेज की आवश्यकता थी परन्तु पूरे बजट भाषण में राजस्थान का नाम तक नहीं आया जबकि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान तथाकथित डबल इंजन की सरकार से डबल विकास के भ्रामक दावे के बगैर प्रधानमंत्री का कोई भाषण समाप्त नहीं होता था।
गहलोत ने कहा कि हमें आशा थी कि केन्द्र सरकार इस बजट में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देगी एवं ईआरसीपी के लिए विशेष फंड मिलेगा लेकिन केन्द्र सरकार ने ईआरसीपी पर भी कोई घोषणा ना कर राजस्थान के हितों के साथ खिलवाड़ किया है।
उन्होंने कहा कि पहले भाजपा सरकार का वादा दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष का था परन्तु अब पांच साल में एक करोड़ इंटर्नशिप एवं पांच हजार रुपए महीने देने की घोषणा बजट में की गई है।
उन्होंने कहा कि महंगाई को काबू करने के लिए इस बजट में कोई उपाय नहीं किए गए हैं। ना तो पेट्रोल व डीजल पर कोई टैक्स कम किया गया और ना ही रसोई गैस सस्ती की गई। राजस्थान में हमारी सरकार ने 500 रुपए में गैस सिलेंडर दिया। जब राजस्थान राज्य ऐसा कर सकता है तो केन्द्र सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि पूरे बजट भाषण को पढ़ने के बाद जनता निराश है। ऐसा दिशाहीन बजट देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में शायद ही कामयाब हो।
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