सीए अर्पित काबरा ने सेंट्रल कौंसिल चुनाव में जीतकर रचा इतिहास

अजमेर। सबसे कम उम्र क WIRC के पूर्व चेयरमैन सीए अर्पित काबरा ने प्रथम प्रयास में ही इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की सेंट्रल कौंसिल के सदस्य का चुनाव में ऐतिहासिक विजय प्राप्त की है। इंस्टीट्यूट की स्थापना के बाद 75 वर्ष के इतिहास में अजमेर जिले के काबरा प्रथम व्यक्ति है जिन्होंने चुनाव में भारी मतों से जीत हासिल की है।

अर्पित काबरा ने महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा क्षेत्र से इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट की सेंट्रल कौंसिल के चुनाव लड़ा था। इस क्षेत्र से निर्वाचित 12 सदस्यों में अर्पित काबरा भी शामिल हैं। देश में चार्टेड अकाउंटेंट के लिए पांच रीजन है। इन पांचों रीजन में कुल 32 सदस्य सेंट्रल कौंसिल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का निर्वाचन करेंगे।

निर्वाचित उपाध्यक्ष ही अगले वर्ष अध्यक्ष के पद पर आसीन होता है। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट के अध्यक्ष एवं टीम का सीधा संवाद देश के वित्त मंत्री के साथ होता है। देश की आर्थिक वित्तीय नीति निर्धारण करने में इस संस्था की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

सीए अर्पित काबरा स्व. दिलसुखराय काबरा के पौत्र एंव सीए जगदीश काबरा के पुत्र है जो मूलतय अजमेर जिले के श्रीनगर गांव के रहने वाले हैं। जिनके परिवार में कुल 11 सीए हैं, जो सभी वित्तीय क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर कार्य कर रहें है।

अजमेर में अर्पित काबरा के चाचा सुभाष काबरा भी सक्रिय तरीके से धार्मिक, सामाजिक एंव राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। अर्पित काबरा के पिता जगदीश काबरा ने बताया कि यह सम्मान अजमेर के लोगों की शुभकामनाओं और आशीर्वाद की वजह से मिला है।

उल्लेखनीय है कि फोरेंसिक ऑडिटिंग के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अर्पित काबरा का विशेष योगदान रहा है। अर्पित काबरा विदेशों में आयोजित सेमिनार में भी इस विषय पर व्याख्यान देते हैं। हाल जुलाई 2024 में ही फॉरेंसिक अंकेक्षण में योगदान के लिए ब्रिटिश संसद मे अर्पित काबरा को अंतर्राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार-2024 एवं वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया था।

अर्पित काबरा अब महाराष्ट्र व दिल्ली के माध्यम से संस्था के उत्थान व देश हित के अनेक कार्याे में भागीदारी निभाते हुए कार्य करेंगे जिसमे अजमेर वासियों को विशेष प्राथमिकता से सहयोग करेंगे।