नई दिल्ली। सरकार ने इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा इथेनॉल की खरीद के लिए तंत्र को मंजूरी देते हुए इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 के लिए इसकी कीमतों को मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस कार्यक्रम के तहत 1 नवंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2025 तक इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों के लिए इथेनॉल खरीद मूल्य में संशोधन को मंजूरी दी गई।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं से कहा कि इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 के लिए सी हैवी मोलासेस (सीएचएम) की प्रशासित एक्स-मिल कीमत 56.58 रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 57.97 रुपए प्रति लीटर तय की गई है। बी हैवी माेलासेस के लिए हालांकि 60.73 रुपए प्रति लीटर और गन्ना जूस/चीनी/शुगर सिरप की कीमत 65.61 रुपए प्रति लीटर यथावत रखी गई है।
उन्होंने कहा कि इस मंजूरी से न केवल इथेनॉल आपूर्तिकर्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता और लाभकारी मूल्य प्रदान करने में सरकार के लिए निरंतर नीति की सुविधा होगी, बल्कि कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने, विदेशी मुद्रा की बचत करने और पर्यावरण को लाभ पहुंचाने में भी मदद मिलेगी। गन्ना किसानों के हित में, पहले की तरह, जीएसटी और परिवहन शुल्क अलग से देय होंगे। सीएचएम इथेनॉल की कीमतों में तीन प्रतिशत की वृद्धि से बढ़े हुए मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के लिए इथेनॉल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
वैष्णव ने कहा कि वैकल्पिक और पर्यावरण अनुकूल ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए यह कार्यक्रम पूरे देश में लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए आयात पर निर्भरता को कम करना और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना है। पिछले दस वर्षों के दौरान, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण के परिणामस्वरूप लगभग 1,13,007 करोड़ रुपए से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है और लगभग 193 लाख टन कच्चे तेल का प्रतिस्थापन हुआ है।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा इथेनॉल मिश्रण इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 तक इथेनॉल आपूर्ति अवधि के रूप में परिभाषित में 38 करोड़ लीटर से बढ़कर ईएसवाई 2023-24 में 707 करोड़ लीटर हो गया है, जिससे औसत मिश्रण 14.60 प्रतिशत प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य पहले के 2030 से घटाकर 2025-26 कर दिया है और भारत में इथेनॉल मिश्रण के लिए रोडमैप 2020-25 को सार्वजनिक डोमेन में डाल दिया गया है। इस दिशा में एक कदम के रूप में, तेल विपणन कंपनियों ने जारी 2024-25 के दौरान 18 प्रतिशत मिश्रण हासिल करने की योजना बनाई है।
अन्य हालिया सक्षमताओं में इथेनॉल आसवन क्षमता को बढ़ाकर 1713 करोड़ लीटर प्रति वर्ष करना, इथेनॉल की कमी वाले राज्यों में समर्पित इथेनॉल संयंत्र (डीईपी) स्थापित करने के लिए दीर्घकालिक ऑफ-टेक समझौते (एलटीओए), सिंगल फीड डिस्टिलरी को मल्टी फीड में बदलने के लिए प्रोत्साहित करना, ई-100 और ई-20 ईंधन की उपलब्धता, फ्लेक्सी ईंधन वाहनों की शुरूआत आदि।
मंत्री ने कहा कि ये सभी कदम व्यापार करने में आसानी और आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों को प्राप्त करने में भी योगदान करते हैं। ईबीपी कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा प्रदान की गई दृश्यता के कारण, देश भर में ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड डिस्टिलरीज के नेटवर्क, भंडारण और रसद सुविधाओं के अलावा रोजगार के अवसरों और विभिन्न हितधारकों के बीच देश के भीतर मूल्य साझा करने के रूप में निवेश हुआ है।
सभी डिस्टिलरी इस योजना का लाभ उठा सकेंगी और उनमें से बड़ी संख्या में ईबीपी कार्यक्रम के लिए इथेनॉल की आपूर्ति करने की उम्मीद है। इससे मात्रात्मक विदेशी मुद्रा बचत, कच्चे तेल का प्रतिस्थापन, पर्यावरणीय लाभ और गन्ना किसानों को जल्दी भुगतान में मदद मिलेगी।