जयपुर। राजस्थान सरकार ने राज्य में पुलिस भर्ती में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने, सरकारी कार्मिकों की सेवानिवृत्ति पर अन्य पात्र सदस्य के नहीं होने पर स्थायी रूप से विशेष योग्य बच्चों, आश्रित माता-पिता और विशेष योग्य भाई-बहनों का नाम भी पेंशन पेमेंट ऑर्डर (पीपीओ) में शामिल करने एवं 70 से 75 वर्ष के पेंशनर एवं पारिवारिक पेंशनर के लिए पांच प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता दिए जाने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में ये फैसले लिए।
उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चन्द बैरवा तथा विधि एवं न्याय मंत्री जोगाराम पटेल ने बैठक में लिए निर्णयों के बारे पत्रकारों जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में महिला सशक्तीकरण, विशेष योग्यजन एवं वृद्धजन कल्याण और प्रदेश के विकास से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले किए गए।
डॉ. बैरवा ने बताया कि विधानसभा चुनाव से पहले आपणो अग्रणी राजस्थान संकल्प पत्र-2023 में हमने महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पुलिस बल में महिलाओं की न्यूनतम 33 प्रतिशत भर्ती करने का वादा किया था। इसी संबंध में आज मंत्रिमण्डल की बैठक में राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है। कार्मिक विभाग द्वारा इस बारे में शीघ्र अधिसूचना जारी की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस निर्णय से प्रदेश में महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध हो सकेंगे और राजस्थान पुलिस में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। साथ ही महिलाओं से जुड़े मामलों में पुलिस और अधिक संवेदनशीलता के साथ कार्य कर सकेगी।
उन्होंने बताया कि मंत्रिमण्डल ने राज्य सरकार के कार्मिकों के हित में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब राज्य सरकार के कार्मिकों की सेवानिवृत्ति पर अन्य पात्र सदस्य के नहीं होने पर स्थायी रूप से विशेष योग्य बच्चों, आश्रित माता-पिता और विशेष योग्य भाई-बहनों का नाम भी पेंशन पेमेंट ऑर्डर (पीपीओ) में जोड़ा जा सकेगा। इसके लिए केन्द्र सरकार के पेंशन नियमों के अनुरूप ही राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम, 1996 के नियम 67 एवं 87 में संशोधन किए जाने की मंजूरी प्रदान की गई है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा में राजस्थान विनियोग एवं वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान पेंशनर्स को राहत देते हुए 70 से 75 वर्ष के पेंशनर एवं पारिवारिक पेंशनर के लिए पांच प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता दिए जाने की घोषणा की थी। इस क्रम में राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम, 1996 के नियम 54बी को प्रतिस्थापित किए जाने की मंजूरी भी आज कैबिनेट में प्रदान की गई।
पटेल ने बताया कि राज्य सरकार बिजली उत्पादन बढ़ा कर प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और इसी दिशा में आज कैबिनेट की बैठक में तीन हजार 150 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन की स्वीकृतियां प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि क्रिस्टेलाइन टेक्नोलॉजी विद ट्रैकर पर आधारित तीन हजार मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना जैसलमेर जिले की उपनिवेशन तहसील रामगढ़ नम्बर एक में लगाई जाएगी।
राजस्थान भू-राजस्व (नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर आधारित शक्ति संयंत्र स्थापित करने के लिए भूमि आवंटन) नियम, 2007 के तहत कुल 6877.66 हैक्टेयर भूमि इस प्रोजेक्ट के लिए आवंटित की जाएगी। इसके अतिरिक्त 150 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना के लिए जैसलमेर जिले की फतेहगढ़ तहसील में 300 हैक्टेयर भूमि आवंटन के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे एवं राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी होगी।
पटेल ने बताया कि उत्कृष्ट खिलाड़ियों को राज्य के अधीन सेवाओं में नियुक्तियों में दो प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान के संबंध में खिलाड़ियों की परिभाषा को सुस्पष्ट करने के लिए 21 नवम्बर, 2019 को अधिसूचना जारी की गई थी। उत्कृष्ट खिलाड़ियों के संबंध में इस स्पष्टीकरण को प्रतिस्थापित किए जाने के समय यह प्रावधान दो सेवा नियमों राजस्थान लैंग्वेज एण्ड लाइब्रेरी (स्टेट एण्ड सबॉर्डिनेट) सर्विस रूल्स, 2013 एवं राजस्थान एक्साइज लैबोरेटरी (स्टेट एण्ड सबॉर्डिनेट) सर्विस रूल्स, 2015 में सम्मिलित किए जाने से रह गए थे। उन्होंने बताया कि उत्कृष्ट खिलाड़ियों संबंधी स्पष्टीकरण को इन सेवा नियमों में शामिल करने के लिए नियमों में संशोधन के प्रारूप का आज मंत्रिमंडल की बैठक में अनुमोदन किया गया।