पुष्कर। उदयपुर स्थित अनंता रिसोर्ट में आयोजित देश के जल मंत्रियों के दूसरे अखिल भारतीय सम्मेलन में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करना प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण और गौरवपूर्ण उपलब्धि है। यह बात पुष्कर के निवर्तमान अध्यक्ष कमल पाठक ने कही।
इस सम्मेलन में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री राजभूषण चौधरी, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव सहित अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी और जल संरक्षण के पर्यावरण विशेषज्ञ उपस्थित हुए।
इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का आयोजन राजस्थान में होना प्रदेश की जल नीति और जल संरक्षण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। खासकर, प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत की भूमिका और प्रयासों को सराहते हुए पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस आयोजन को बड़ी उपलब्धि बताया है।
निवर्तमान चेयरमैन पाठक ने बताया कि इस आयोजन के माध्यम से राजस्थान जल सुरक्षा की दिशा में अपनी भूमिका को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ेगा। पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ता इस आयोजन को राजस्थान के लिए एक नई दिशा और उत्साह का प्रतीक मानते हैं।
राजस्थान प्रदेश में जल संसाधन के सुधार और संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत द्वारा निरंतर प्रदेश को जल में आत्मनिर्भर बनाने और हरित प्रदेश की ओर अग्रसर करने के मुख्यमंत्री के विजन के तहत कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है। इनमें राम जल सेतु परियोजना, ईआरसीपी (ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट) और यमुना जल समझौता जैसी कार्य योजनाओं की प्रमुखता है, जिन पर जल संसाधन मंत्री रावत दिन-रात समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं।
पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रदेश को जल में आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की शुरुआत की है। इन योजनाओं में कैच द रेन अभियान, भूजल पुनर्भरण हेतु रिचार्ज वैल और नदी-जलाशयों का पुनर्जीवन जैसी कार्य योजनाओं को प्राथमिकता से धरातल पर उतारने का कार्य श्री रावत द्वारा प्राथमिकता से किया जा रहा है। इन योजनाओं का उद्देश्य राज्य में जल संचयन और संरक्षण को बढ़ावा देना, साथ ही जल संकट से निपटना है।
कांग्रेस द्वारा शुरू से ही इन परियोजनाओं पर झूठी बयानबाजी की जा रही है, जबकि जब उनकी सरकार थी, तब उनके द्वारा केंद्र सरकार को कोई सहयोग नहीं किया गया। लेकिन भाजपा सरकार के सत्ता में आते ही इन परियोजनाओं को धरातल पर लाने का प्रयास किया गया है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री शर्मा के प्रयासों से इन योजनाओं में केंद्र सरकार और अन्य राज्यों के साथ सभी अड़चनों को दूर करके एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इन एमओयू के तहत प्रदेश की जनता को पीने के पानी की शुद्ध आपूर्ति और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए गए हैं।
यह विशेष उल्लेखनीय है कि प्रदेश की जल सुरक्षा और जल संसाधन प्रबंधन में निरंतर सुधार किया जा रहा है, और इसके परिणामस्वरूप राजस्थान प्रदेश अब जल संकट से उबरने की दिशा में तेजी से अग्रसर हो रहा है।
सुरक्षित एवं समृद्ध भविष्य के लिए जल आत्मनिर्भरता बेहद महत्वपूर्ण : सुरेश सिंह रावत