कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ कोई भी अपमानजनक या गलत बयान देने से रोका। न्यायमूर्ति कृष्ण राव का आदेश एकल पीठ द्वारा वादी और प्रतिवादियों की दलीलें सुनने के बाद आया और आदेश मंगलवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया गया।
राज्यपाल बोस ने 28 जून को ममता बनर्जी, दो नवनिर्वाचित टीएमसी विधायकों सायंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन और पार्टी नेता कुणाल घोष के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था और उन्हें उनके खिलाफ कोई भी अपमानजनक या गलत बयान जारी करने से रोकने के लिए एक अंतरिम आदेश की अपील की थी।
बनर्जी सोमवार को अपने उस बयान पर कायम रहीं जिसमें उन्होंने कहा था कि महिलाओं को राजभवन जाने से डर लगता और अंतरिम आदेश के लिए बोस की याचिका का विरोध किया था।हालांकि, उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो बनर्जी को बोस के खिलाफ कोई भी अपमानजनक या गलत बयान देने से रोक दिया।
गौरतलब है कि राजभवन की संविदा पर काम कर रही एक महिला कर्मचारी ने दो मई को बोस के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू की थी। मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी।