जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर प्रदेश में मिलावट के खिलाफ चलायें जा रहे अभियान में नकली घी के मामले में सरस डेयरी की ओर से डी मार्ट एवं कूकर खेड़ा स्थित खण्डेलवाल एण्ड कंपनी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है।
साथ ही विभिन्न स्थानों पर प्रो-वैदिक घी का स्टॉक सीज किया गया है। खाद्य सुरक्षा आयुक्त इकबाल खान के निर्देशन में कार्रवाई लगातार जारी है। प्रदेशभर में नकली घी को लेकर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा ने बताया कि डी मार्ट के मालवीय नगर जयपुर के स्टोर पर गुरूवार को सरस और प्रो-वैदिक ब्रांड का नकली घी सीज किया था और डी मार्ट के एरिया मैनेजर से जयपुर स्थित सभी स्टोर्स पर मौजूद घी के स्टॉक की जानकारी मांगी गई थी जिसमें 2700 लीटर का स्टॉक होना बताया गया।
इस स्टॉक को सीज करने के लिए एक ही जगह एकत्र करने के निर्देश डी-मार्ट के एरिया मैनेजर को दिये गए थे लेकिन डी मार्ट द्वारा शुक्रवार सुबह ट्रांसफर नोट द्वारा घी का स्टॉक वेंडर को वापस कर दिया गया। इस पर डी मार्ट के विरुद्ध नोटिस जारी कर कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि जांच में यह भी सामने आया है कि जिस फर्म से डी मार्ट द्वारा सरस घी खरीदा गया है, वह फर्म सरस डेयरी की अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर नहीं है और वहां कार्टूनों में नकली घी के डिब्बे बरामद हुए हैं।
सरस डेयरी द्वारा खंडेलवाल एंड कंपनी और डी मार्ट के खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। नकली घी की सूचना पर दौसा एवं निवाई सहित अन्य जगहों पर भी टीमें भेजी गई हैं और समस्त राजस्थान में सूचना देकर प्रो वेदिक घी को सीज कराया जा रहा है। डी मार्ट के लालकोठी स्थित स्टोर पर भी 600 लीटर सरस घी संदेह के आधार पर सीज किया और सैम्पल लिए गए।
ओझा ने बताया कि आइपर मार्ट, सिरसी रोड पर नकली सरस घी की सूचना पर और कानोता स्थित गोदाम पर भी टीम भेजी गई। यहां सरस घी का स्टॉक सही पाया गया। फिर भी एहतियातन आइपरमार्ट के सिरसी रोड के स्टोर से सरस और गोरस घी के सैंपल लिए गए हैं।आइपर मार्ट में टैगोर ब्रांड का नकली तेल पाए जाने पर चार लीटर तेल सीज करके सैंपल लिया गया है। जोधपुर में भी 103 लीटर अमानक प्रोवैदिक घी सीज किया गया है।
इसी प्रकार जयपुर के मानसरोवर क्षेत्र में श्री अमर मिष्ठान भंडार पर कार्रवाई कर अखरोट बर्फी, पनीर, उपयोग लिए गए खाद्य तेल, इमरती आदि के सैम्पल लिए गए हैं। यहां रसोई में वाशिंग एरिया मानक स्तर का नहीं पाया गया। लाइसेंस उपयुक्त स्थान पर चस्पा नहीं था। किचन में उपयोग लिए जा रहे पानी की वाटर टेस्टिंग रिपोर्ट पुरानी थी।