अजमेर। राजस्थान लोकसेवा आयोग की ओएमआर शीट की कार्बन प्रतिलिपि में छेड़छाड़ कर अभ्यर्थी द्वारा न्यायालय में गलत तथ्य प्रस्तुत करने के मामलें में आयोग प्रबंधन ने अभ्यर्थी को दो वर्ष के लिए सभी परीक्षाओं के लिए अयोग्य कर दिया है। आयोग सचिव की ओर से इस संबंध में मंगलवार को आदेश जारी किए गए।
अजमेर मुख्यालय पर आयोग सचिव ने बताया कि आयोग द्वारा आरएएस (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 का आयोजन एक अक्टूबर 2023 को किया गया। इस परीक्षा का परिणाम 20 अक्टूबर 2023 को घोषित किया गया। ग्राम अजाड़ी खुर्द जिला झुंझुनू निवासी अभ्यर्थी दीपक जोशी द्वारा इस परीक्षा में प्रश्न-पत्र के कुल 150 प्रश्नों में से 55 प्रश्नों में किसी भी विकल्प का चयन नहीं किया गया था।
दस प्रतिशत से अधिक प्रश्नों में किसी भी विकल्प का चयन नहीं किए जाने के कारण परीक्षा परिणाम में अभ्यर्थी को अयोग्य घोषित किया गया था। अयोग्य घोषित किए जाने पर अभ्यर्थी ने स्वयं के पास उपलब्ध ओएमआर शीट की प्रतिलिपि में खाली छोड़े गए 55 प्रश्नों के विकल्पों में से 49 प्रश्नों के विकल्पों को भरकर फर्जकारी करते हुए हाईकार्ट में याचिका दायर की।
अभ्यर्थी जोशी द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत ओएमआर शीट की प्रतिलिपि का मिलान आयोग कार्यालय में उपलब्ध अभ्यर्थी की मूल ओएमआर शीट से किए जाने पर स्पष्ट हुआ कि अभ्यर्थी द्वारा खाली छोड़े गए प्रश्नों के विकल्पों को जानबूझकर ओएमआर शीट की कार्बन प्रतिलिपि में बाद में भरा गया है।
उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा प्रकरण में तथ्यात्मक रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने पर कारगुजारी उजागर होते देख अभ्यर्थी द्वारा न्यायालय के समक्ष याचिका (विड्रा) वापस लेने के लिए प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया गया। इस पर न्यायालय द्वारा 23 जनवरी 2024 को याचिकाकर्ता द्वारा याचिका को विड्रा किए जाने के कारण खारिज कर दिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ओएमआर शीट की कार्बन प्रति में किसी भी प्रकार की छेडछाड आयोग के रिकार्ड से छेडछाड़ की श्रेणी के अन्तर्गत आता है।