अजमेर। राजस्थान लोकसेवा आयोग की ओर से भविष्य में किसी भी परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी को रोकने के लिये उसकी वीडियोग्राफी करवाई जाएगी।
अजमेर मुख्यालय पर आयोग के परीक्षा नियंत्रक आशुतोष गुप्ता ने शुक्रवार को बताया कि वीडियोग्राफी अभ्यर्थी की उपस्थिति का प्रमाण तो होगी ही मूल अथवा डमी अभ्यर्थी की पहचान में भी सहायक होगी। इस प्रक्रिया के लिए अभ्यर्थी को परीक्षा केन्द्र में वीडियोग्राफी के लिये 10 मिनट में स्थान ग्रहण करना होगा।
उन्होंने बताया कि आयोग की ओर से सहायक आचार्य (संस्कृत शिक्षा विभाग) प्रतियोगी परीक्षा-2024 का आयोजन आठ से 19 सितंबर तक किया जाएगा। इस परीक्षा में सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत करते हुये परीक्षा के लिए निर्धारित स्थान पर बैठे हुए प्रत्येक अभ्यर्थी की वीडियोग्राफी करवाने का निर्णय आयोग द्वारा लिया गया है।
गुप्ता ने बताया कि 10 मिनट के बाद पूरे परीक्षा केंद्र में प्रत्येक कक्ष में आवंटित स्थान पर बैठे हुए प्रत्येक अभ्यर्थी एवं अनुपस्थित रहे अभ्यर्थियों के रिक्त स्थानों की रोल नंबर के क्रमानुसार वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। यह रिकॉर्डिंग बाद में मूल अभ्यर्थी की पहचान सुनिश्चित करने के लिये उपयोग में ली जाएगी। आयोग इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का भी इस्तेमाल करेगा।
उन्होंने बताया कि उक्त परीक्षा के तहत सामान्य ज्ञानः प्रश्न पत्र-तृतीय की परीक्षा का आयोजन आठ सितंबर को पूर्वान्ह 11 से एक बजे तक अजमेर एवं जयपुर जिला मुख्यालय पर किया जाएगा।