ऋषि पूछी हरि भक्त सुहाई, कहीं शंभू अधिकारी पाई: स्वामी अशोकानन्द

श्री रामकथा व रामलीला का तीसरा दिन
अजमेर। बाबा ईसरदास साहिब के शताब्दी महोत्सव पर ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम में चल रही श्री रामकथा व राम लीला मंचन के तीसरे दिन श्रद्धालुओं ने खूब आनन्द लिया। संतों के साथ श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम व हनुमान जी की आरती। महिला श्रद्धालुओं ने झूमकर नृत्य कर माहौल को धार्मिक मय बना दिया।

आश्रम में ही चल रहे रामायण का मूल पाठ का विधिवत पूजन कर 21 ब्राहमणों द्वारा पाठ का किया गया। महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन, महंन्त स्वरूपदास, महन्त हनुमानराम व संत महात्माओं के सान्निध्य में धार्मिक आयोजन हो रहे हैं।

समाजसेवी वीना जयकिशन बदलाणी, दीपक बालाणी, गोपी जनवाणी जोधपुर, भावना मनू व दीदी माया ने श्रीराम व माता सीता की आरती की। विशेष रूप से पुरूषोतम लाल सांई धाम मुम्बई (अंधेरी) से पण्डित हीरानन्द महाराज, सांई धाम, जयपुर से करण महाराज, अशोक द्वारकादास शर्मा, गुरूयाणी गुरूमाता नेहा देवी ने आरती में भाग लिया।

श्रीराम कथा में हुए धार्मिक प्रसंग

स्वामी अशोकानन्द ने श्रीराम कथा के प्रसंग में याज्ञवल्लभ जी और भारद्वाज ऋषि के बीच हुए संवाद का उल्लेख करते हुए संत जीवन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संत का जीवन संशय रहित होना चाहिए, क्योंकि संत ही समाज के संशयों को दूर करते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने राम कथा के अमृतमय रस का वर्णन करते हुए भगवान शिव के श्रीराम के प्रति अटूट श्रद्धा और स्नेह का उल्लेख किया।

स्वामी ने कहा कि भगवान भोलेनाथ ने स्वयं भगवान राम के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा का भाव व्यक्त किया है। भगवान शिव का यह कथन कि श्रीराम मेरे हृदय में निवास करते हैं। उनकी भक्ति और भगवान राम के प्रति अनन्य प्रेम को दर्शाता है। राम कथा के प्रसंग को विस्तार से बताता कि भगवान शिव कैलाश पर्वत से उतरकर दंडकारण्य वन में ऋषि कुम्भज के आश्रम में श्रीराम की कथा सुनने के लिए आए थे।

शताब्दी महोत्सव में रामलीला मंचन

संत गौतम सांई ने बताया कि ताड़का वध के पश्चात भगवान श्रीराम ने विश्वामित्र ऋषि के आश्रम में उनका आशीर्वाद लिया, उसके बाद नगर भ्रमण किया और पुष्प वाटिका पहुंचे, मितिलेश नन्दनी अपनी सखियों के साथ भगवान श्रीराम का मनमोहक सुन्दर रूप देखा।

स्कूल के विद्यार्थियों ने दी सेवा

स्वामी सर्वानन्द विद्यालय, हरी सुन्दर बालिका विद्यालय, संत कंवरराम विद्यालय, मेडीटेटिव विद्यालय के विद्यार्थियों ने जल व भोजन वितरण में सहयोग किया। आश्रम में प्लास्टिक का भी उपयोग नहीं करके स्टील बर्तन का उपयोग किया जा रहा है, ताकि प्लास्टिक मुक्त अभियान में सहयोग कर सके। आश्रम के बाहर आमजन व श्रद्धालुओं के लिए अन्नक्षेत्र की सेवा चल रही है। सेवा के लिए मोहनलाल लालवाणी, हेमलता खत्री, कुमकुम छताणी सहित सेवादारी सहयोगी है।

11 जनवरी तक श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ व रामलीला का मंचन निरंतर जारी रहेगा। 11 व 12 जनवरी को देश भर से आए संत महात्माओं का धर्म संसद व संत दर्शन के साथ 13 जनवरी को यज्ञ अनुष्ठान, संत आशीर्वाद, समाधि पूजन, आरती प्रार्थना, पल्लव का आयोजन किया जाएगा।

समारोह में किशनगढ़ से महन्त श्यामदास, सतना महन्त खिमयादास, रीवा से स्वामी हंसदास, संत स्वरूपदास, सहित अजमेर के श्रीराम विश्वधाम के महन्त अर्जुनदास, तुलसी किशनधाम के स्वामी ईसरदास, संतदास, मनोहरदास, शंकर सबनाणी, कन्हैयालाल खानचंदाणी, घनश्याम आडवाणी, वर्षा बादलाणी, रिया ज्ञानाणी, वीना बदलाणी, प्रकाश मूलचंदाणी, रमेश मूलचंदाणी, राम बालवाणी, दीपक बालाणी, रमेश कलयाणी, केटी वाधवाणी, सहित वीसनगर, कोटा, जोधपुर, जयपुर, अहमदाबाद, भीलवाड़ा कार्यकर्ता उपस्थित थे।