नई दिल्ली। सरकार ने जम्मू-कश्मीर में गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त एक और संगठन ‘तहरीक-ए-हुर्रियत’ को गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है। यह जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए भारत विरोधी प्रचार फैला रहा है और आतंकवादी गतिविधियां जारी रख रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति के तहत भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन की हरकतों को विफल कर दिया जाएगा। सरकार ने इससे पहले एक और आतंकवादी संगठन मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर (मसरत आलम गुट) को गैर कानूनी संगठन घोषित किया था।
बारामूला में यूएपीए के तहत संपति कुर्क
जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक व्यक्ति का घर और एक वाहन कुर्क कर लिया। पुलिस ने रविवार को बयान में बताया कि आतंकवादियों को पनाह देने और उन्हें रसद सहायता प्रदान करने पर अपनी कार्रवाई जारी रखते हुए, पुलिस ने बारामूला में 25 यूएपीए अधिनियम की धाराओं के तहत एक आवासीय घर और वाहन को कुर्क कर लिया है।
क्रेरी थाना में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। वानिगाम पाईन के निवासी फारूक अहमद भट का आवासीय घर कथित तौर पर आतंकवादियों को शरण देने के लिए कुर्क किया गया था।