आधार और पैन विवरण सार्वजनिक करने वाली वेबसाइटें ब्लॉक

नई दिल्ली। सरकार ने एक खुला, सुरक्षित और भरोसेमंद और जवाबदेह इंटरनेट रखने की अपनी प्रतिबद्धता के साथ सुरक्षित साइबर सुरक्षा प्रथाओं और व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है लेकिन जो वेवासाइटें आम लोगों के आधार और पैन कार्ड से जुड़ी जानकारियां सार्वजनिक कर रही हैं उन्हें ब्लॉक कर दिया गया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि कुछ वेबसाइटें भारतीय नागरिकों के आधार और पैन कार्ड विवरण सहित संवेदनशील व्यक्तिगत पहचान योग्य जानकारी को उजागर कर रही थीं। इसे गंभीरता से लिया गया है क्योंकि सरकार इनको ब्लॉक कर दिया है।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं का लक्षित वितरण) अधिनियम, 2016 की धारा 29(4) के तहत आधार जानकारी के सार्वजनिक प्रदर्शन पर प्रतिबंध के उल्लंघन के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराई है।

भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी-इन) द्वारा इन वेबसाइटों के विश्लेषण से इन वेबसाइटों में कुछ सुरक्षा खामियां सामने आई हैं। संबंधित वेबसाइट मालिकों को आईसीटी अवसंरचना को मजबूत करने और कमजोरियों को ठीक करने के लिए उनके स्तर पर की जाने वाली कार्रवाई के बारे में मार्गदर्शन प्रदान किया गया है।

सीईआरटी-इन ने आईटी अनुप्रयोगों का उपयोग करने वाली सभी संस्थाओं के लिए सुरक्षित एप्लिकेशन डिजाइन, विकास, कार्यान्वयन और संचालन के लिए दिशानिर्देश” जारी किए हैं। सीईआरटी-इन ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, (आईटी अधिनियम) के तहत सूचना सुरक्षा प्रथाओं, प्रक्रिया, रोकथाम, प्रतिक्रिया और साइबर घटनाओं की रिपोर्टिंग से संबंधित निर्देश भी दिए हैं।

मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (उचित सुरक्षा अभ्यास और प्रक्रियाएँ तथा संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा या सूचना) नियम, 2011 को अधिसूचित किया है, जो संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा के गैर-प्रकाशन और गैर-प्रकटीकरण का प्रावधान करता है। कोई भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित पक्ष शिकायत दर्ज करने और मुआवज़ा माँगने के लिए आईटी अधिनियम की धारा 46 के तहत निर्णायक अधिकारी से संपर्क कर सकता है। राज्यों के आईटी सचिवों को आईटी अधिनियम के तहत निर्णायक अधिकारी के रूप में अधिकार दिया गया है।

इसके अलावा, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 पहले ही अधिनियमित किया जा चुका है और इस अधिनियम के तहत नियम मसौदा तैयार करने के उन्नत चरण में हैं। सरकार, उद्योग और नागरिकों को इसके प्रभाव के बारे में संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से एक जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किया गया है। इससे विभिन्न हितधारकों के बीच जिम्मेदार उपयोग और सक्रिय उपायों के बारे में देशव्यापी जागरूकता और समझ पैदा करने में मदद मिलेगी, जिससे विभिन्न संस्थाओं द्वारा व्यक्तिगत डेटा के अनावश्यक प्रदर्शन पर अंकुश लगेगा।