चामुंडा माता, हिंगलाज माता प्रतिष्ठा महोत्सव के वरघोड़े में गूंजे जयकारे


बुधवार को मंदिर में देविया होगी प्रतिष्ठित

हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कार्यक्रम प्रस्तावित
तखतगढ़(पाली)। समीपवर्ती दौलपुरा गांव में चामुंडा माता, बायोसा माता व हिंगलाज माता मंदिर की प्रस्तावित प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर मंगलवार को भव्य वरघोड़े में धर्म के जयकारे गूंजे।

गांव के बायोसा माता मंदिर से डीजे की मधुर धुनों के साथ हजारों श्रद्धालुओं के साथ वरघोड़ा रवाना हुआ। वरघोडा चौहटा होते हुए आई माता बढ़ेर से पुन: चौहटा आशापुरा मंदिर होते हुए रामदेव मंदिर सहित अन्य देवी देवतोंं के दर्शन करके मंदिर पहुंचा। वरघोड़े में धर्म के जयकारे गूंज उठे। वरघोड़े में ड्रेस कोड में महिलाओं ने डांडिया नृत्य किया।

प्रतिष्ठा के दौरान पुष्प वर्षा के लिए हेलीकॉप्टर भी मंगवाया गया है। इसके लेडिंग के लिए हेलीपेड भी बनाया गया है। मंदिर में देवियों के प्रतिष्ठित को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह बना हुआ है। इस मौके पर महाप्रसादी का आयोजन होगा। प्रतिष्ठा को लेकर गांव एवं मंदिर को दुल्हन की भांति सजाया जा रहा है। प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर दिशावर से भी प्रवासियों का आगमन हुआ है।

प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर सांसद पीपी चौधरी, विधायक जोराराम कुमावत, जिला प्रमुख रश्मिसिंह, जिला परिषद सदस्य अनुराधासिंह, प्रधान उर्मिला कंवर, चाणौद सरपंच जरावीदेवी, धणा सरपंच पेमाराम सीरवी, उप सरपंच खंगाराराम, पंचायत समिति सदस्य सुरेश मीना, पूजा मनाराम गहलोत, वार्ड पंच मूलाराम मीना, पेपीदेवी मेघवाल, रताराम सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी रहेगी।

इन संतों का रहेगा सान्निध्य

मुंडारा के ओटाराम देवासी, लेटा के रणछोड़ भारती, बिठूड़ा पीरान के पीरोसा गोपालसिंह, नारलाई के भंवर महाराज, डायालना के उमाशंकर भारती महाराज, चामुंडा माता के पूर्व पुजारी जोयताराम, पुजारी सवाराम देवासी सहित अन्य संतों का सान्निध्य रहेगा।

प्रतिष्ठा महोत्सव में गेर ने मोहा मन

प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर मंगलवार को वरघोड़े में दिवांदी के अध्यक्ष नेमाराम एवं कोषाध्यक्ष राजू भाई के सान्निध्य में नृत्य कर मोहा। सोमवार शाम को आयोजित भजन संध्या में छोटूसिंह रावणा ने एक से बढकर एक प्रस्तुतियां दी। इस मौके पर श्रोता थिरकते रहे। गायों के प्रति सुरीले भजनों से श्रोताओं ने मूक पशुओं के लिए जीवदया के प्रति आग्रह किया। प्रतिष्ठा को लेकर मंगलवार को दूसरे दिन दंपतियों ने आहूतिया मंदिर में दी। पंडितों के मंत्रोच्चारण गूंजते रहे। रंग बिरंगे परिधानों के बीच दंपतियों में उत्साह दिखा।